कोलकाता, July 3, 2017 /PRNewswire/ --
Globsyn Business School, जो कि पूर्वी भारत का एक शीर्षस्तरीय प्रबंधन संस्थान है, ने आज प्रबंधन शिक्षा में आध्यात्मिकता के विषय पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेन्स का आयोजन किया। Dasho Karma Ura, प्रेसिडेंट, The Centre for Bhutan Research और GNH Research, थिम्फू, भूटान; Dr. Anil Sahasrabudhe, चेयरमैन, AICTE; Dr. H. P. Kanoria, संस्थापक अध्यक्ष, SREI Group of Companies; Padma Shree Dr. S. M. Cyril, Loreto House; Mr. Aloke Mookherjea, पूर्व चेयरमैन, Howden Solyvent India Limited; Mr. Sandipan Chakravortty, चेयरमैन, TMILL & Mjunction Services Limited और Swami Atmapriyananda, वाइस चांसलर, Ramakrishna Mission Vivekananda University ने इस अवसर पर उपस्थित होकर शोभा बढ़ाई।
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यह कॉन्फ्रेन्स, युवाओं के लिए संरचित प्रबंधन शिक्षा के तहत प्रबंधन विज्ञान क्रियान्वयन में सामाजिक देखभाल और प्रसन्नता के मूल्य समाहित करने, तथा हैपिनेस इंडेक्स और कार्पोरेट जगत में इसके महत्त्व पर केंद्रित रही।
Mr. Bikram Dasgupta, संस्थापक और एक्जीक्यूटिव चेयरमैन, Globsyn Group ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, "हैपिनेस इंडेक्स आज दुनिया में काफी चर्चित विषय है। इस मुद्दे पर विचार करने के लिए हमने इस सेमिनार का आयोजन किया कि किस तरह से आध्यात्मिकता और हैपिनेस इंडेक्स युवाओं के लिए प्रबंधन शिक्षा में एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। Dasho Karma Ura की हमारे बीच मौजूदगी हमारे लिए गर्व की बात है और मुझे आशा है कि GNH और हैपिनेस इंडेक्स के महत्त्व पर उनके अमूल्य विचार सुनकर सभी को मार्गदर्शन प्राप्त होगा।"
Mr. Dasgupta ने आगे कहा कि, " Globsyn Business School शिक्षा से बढ़कर सिखाने में विश्वास रखता है और इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए MBA छात्रों का सबसे बड़ा NGO, कल्याणी संचालित करते हैं। हमारे
B-स्कूल के प्रबंधन छात्र सामाजिक परोपकार की गतिविधियों में भाग लेते हुए वृद्धाश्रमों के निवासी बुजुर्गों, निःशक्त (दिव्यांग) बच्चों और वयस्कों, तथा समाज के वंचित वर्गों के लोगों के लिए भलाई के काम करते हैं। इन गतिविधियों से न केवल छात्रों में शुरूआत से ही सामाजिक परोपकार की भावना जागृत होती है, बल्कि इससे उन्हें कार्पोरेट दुनिया में समर्पित, समानुभूतिपूर्ण मैनेजर बनने में भी मदद मिलती है। हम भावी मैनेजरों के लिए अकादमिक पाठ्यक्रम में भी GNH शामिल करने की योजना बना रहे हैं।"
अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, सर्वेक्षण विश्लेषण, तथा राष्ट्रीय सांखियकी सहित विविध विषय-क्षेत्रों के अग्रणी विशेषज्ञों ने बताया है कि राष्ट्र की प्रगति मापने के लिए कल्याण की माप का किस तरह से प्रभावी उपयोग किया जा सकता है। हैपिनेस इंडेक्स को प्रति व्यक्ति GDP, सामाजिक सहयोग, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, जीवन विकल्प चुनने की स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार के प्रति धारणाओं के मापदंडों पर मापा जाता है।
वर्ल्ड हैपिनेस रिपोर्ट 2017 में खुशियों के सामाजिक आधारों के महत्त्व तथा कार्य में खुशियों के महत्त्व पर जोर दिया गया है। कार्य, खुशियों को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक है। चूंकि ज्यादातर लोग अपने जीवन का ज्यादातर हिस्सा काम पर व्यतीत करते हैं, इसलिए दुनिया भर में व्यक्तियों व समुदायों के लिए प्रसन्नता निर्धारित करने में रोजगार और कार्यस्थल की भूमिका को ठोस ढंग से समझना अब अधिक महत्त्वपूर्ण हो गया है। हाल के अनुसंधानों से पता चलता है कि कार्य और रोजगार, न केवल खुशियों के चालक/प्रेरक हैं, बल्कि प्रसन्नता जॉब मार्केट के परिणामों, उत्पादकता और ठोस प्रदर्शनक्षमता को आकार देने में भी मदद कर सकती है।
हैपिनेस इंडेक्स को स्वीकार करने के मामले में भूटान अग्रणी रहा है। वर्ष 1979 में, भूटान के नरेश Jigme Singye Wangchuk द्वारा Gross National Happiness (GNH) शब्द निर्धारित किया गया, जिन्होंने कहा कि देश का विकास और वृद्धि GNP में नहीं, बल्कि GNH के पैमाने पर मापी जानी चाहिए। विश्व समुदाय से भूटान का संपर्क बढ़ने के साथ GNH निर्धारित करने, व्याख्या करने, और इसे मापने के लिए भी उल्लेखनीय प्रयास किए गए। सूचकांक तैयार किए गए, मापन दर्ज किए गए, और सरकारी नीतियों के लिए स्क्रीनिंग टूल बनाए गए और GNH के विकास के दूसरे चरण में इसका प्रशासन में समकालिक उपयोग किया गया। 2012 में GNH को वैश्विक मान्यता मिली जब भूटान के प्रधानमंत्री Jigme Thinley ने 'Happiness and Well-Being: Defining a New Economic Paradigm' '(कल्याण और प्रसन्न्ताःएक नए आयाम की खोज)' विषय पर UN की पहली उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
लोकनीति में GNH की सोच एकीकृत करने की एक लंबी और अनवरत प्रक्रिया के तहत, भूटानी समाज की प्रगति मापने में मदद के लिए the Centre for Bhutan Studies (CBS) द्वारा GNH सूचकांक विकसित किया गया था। Dasho Karma Ura, President, The Centre For Bhutan Studies (CBS) ने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता (Gross National Happiness) की भूटान की अपनी विकसित विचारधारा को बढ़ावा देने और इसके बारे में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने Gross National Happiness (GNH) की अवधारणा विकसित की, GNH के नौ क्षेत्र निर्धारित किए और 2010 और 2007 में आयोजित सर्वेक्षणों का नेतृत्व किया। वे भूटान का प्रथम संविधान (2008 में लागू) की प्रारूप समिति के भी सदस्य हैं। वे एक सक्रिय अध्येता, इतिहासकार, लेखक और चित्रकार भी हैं। उन्हें भूटान के चौथे नरेश द्वारा दिसम्बर 2006 में रेड स्कार्फ तथा Dasho (Knighthood) का परंपरागत सम्मान भी प्रदान किया गया और साहित्य व ललित कलाओं के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें नरेश द्वारा 2010 में Druk Khorlo (Wheel of Dragon Kingdom) का सम्मान दिया गया।
Globsyn Business School के बारे में:
शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नवप्रवर्तन की Globsyn की पृष्ठभूमि के साथ, अब Globsyn Business School (GBS) ने खुद को भारत के एकमात्र 'Corporate B-School' के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जो तेजी से विकसित होती वैश्विक कार्पोरेट दुनिया से उचित तालमेल पर आधारित सुदृढ़ता और विविधता का परिचायक है। स्कूल की नई किफायती आर्थिक पृष्ठभूमि और AICTE से मान्यता, इसे वर्तमान में भारत का सबसे प्रगतिशील सोच वाला संस्थान बनाती है। 'शिक्षा से अधिक' बढ़कर सिखाने की सोच के साथ नवप्रवर्तन, शोध और तकनीक पर आधारित मजबूत ढांचे के साथ Globsyn विश्वस्तरीय नेटवर्क वाली, कार्पोरेट जगत से जुड़ी, शोध प्रेरित प्रबंधन शिक्षा प्रणाली स्थापित करने की ओर अग्रसर है जो प्रबंधन आधारित परंपरागत शिक्षा प्रदान करने के पुराने तरीकों से आगे बढ़कर शोध प्रेरित डिलीवरी फ्रेमवर्क के माध्यम से 'उद्योग जगत के लिए उपयुक्त मैनेजर' तैयार करती है - जो कि आज के तकनीक प्रेरित कारोबारी परिवेश में काम करने के लिए पेशेवर तौर पर सुसज्जित प्रतिभाशाली समूह हैं।
Globsyn Business School ने समय-समय पर शिक्षा जगत में अनेक सम्मान प्राप्त किए हैं और Business India के सर्वोत्तम B-स्कूल सर्वेक्षण 2016 के अनुसार, पूर्वी भारत के शीर्ष 5 B-स्कूलों में IIM-कलकत्ता, XLRI-जमशेदपुर, XIM-भुवनेश्वर और IIT-खड़गपुर (VGSM) के साथ शामिल है।
मीडिया संपर्क:
Shabbir Akhtar
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