शूलिनी यूनिवर्सिटी के अंडरग्रेजुएट रिसर्च प्रोग्राम्स में स्टूडेंट्स के लिए दाखिला शुरू
बारहवीं कक्षा (प्लस 2) के स्टूडेंट अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और प्रतिष्ठित सम्मिट रिसर्च प्रोग्राम के माध्यम से प्रोफेशनल वैज्ञानिक, शिक्षाविद और उद्यमी बन सकते हैं
सोलन, भारत , 4 मार्च, 2022 /PRNewswire/ -- भारत के सबसे प्रसिद्ध रिसर्च-आधारित शूलिनी यूनिवर्सिटी ने 2022 से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए अपने अत्यधिक प्रतिस्पर्धी सम्मिट रिसर्च प्रोग्राम (एसआरपी) के लिए आवेदन स्वीकार करना शुरू कर दिया है। अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट प्रोफेशनल वैज्ञानिक, शिक्षाविद और उद्यमी बनने के लिए उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान कर सकते हैं। एसआरपी डिग्री प्रोग्राम अपने रिसर्च और पेटेंट आउटपुट के लिए अत्यधिक मान्यता प्राप्त है। इसमें बायोटेक्नोलॉजी और फूड टेक्नोलॉजी में बीटेक के विकल्प हैं। शूलिनी यूनिवर्सिटी एक बी फार्मा एसआरपी प्रोग्राम की भी पेशकश करता है, जिसमें स्टूडेंट दाखिला लेकर एक बेहतर भविष्य बना सकते हैं।
अंडरग्रेजुएट स्तर पर एक विशिष्ट रिसर्च प्रोग्राम, एसआरपी जिज्ञासु और कुछ नया करने की इच्छुक प्रतिभाओं को विकसित करने और स्टूडेंट्स को उद्योग और शिक्षा के लिए तैयार करने पर केंद्रित है। यह पूरा प्रोग्राम बारहवीं कक्षा के बॉयोलॉजी (जीव विज्ञान) के स्टूडेंट्स के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है, जो अक्सर एनईईटी पास करने में असमर्थ होने पर करियर के कई सारे नए विकल्प चुनने के लिए काफी संघर्ष करते हैं। वास्तव में, दुनिया भर में बढ़ते बॉयोटेक्नोलॉजी (जैव प्रौद्योगिकी) आधारित उद्योगों में बारहवीं कक्षा के विज्ञान के छात्रों के लिए कई अवसर हैं।
अत्यधिक प्रतिभाशाली और समर्पित बारहवीं कक्षा के स्टूडेंट इस प्रोग्राम के लिए आवेदन करते हैं और तकनीकी पैनल इंटरव्यू के दो दौर के बाद अपनी शोध योग्यता के आधार पर चयनित होते हैं। कोर्स पूरा होने के बाद, वे बायोमेडिकल इंजीनियर, बायोकेमिस्ट, फूड साइंटिस्ट, बायोफिजिसिस्ट, माइक्रोबाारएउयोलॉजिस्ट, मिट्टी और प्लांट साइंटिस्ट के रूप में अत्यधिक कुशल और प्रोफेशनल नौकरियों के साथ-साथ वैक्सीन और नई दवाओं के विकास और सरकारी नीति निर्माण के लिए क्लिनिकल रिसर्च में नौकरी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, बीटेक एसआरपी प्राप्त करने के बाद, भारत और विदेशों में मास्टर्स और डॉक्टरेट प्रोग्राम्स को आगे बढ़ाने के लिए फैलोशिप बहुत आसान हो जाती है।
शूलिनी शूनिवर्सिटी भारत की पहली बॉयोटेक्नोलॉजी शूनिवर्सिटी, जिसने बारहवीं कक्षा के ठीक बाद विज्ञान के छात्रों के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान प्रशिक्षण अवसर प्रदान करने के लिए अभियान शुरू किया है। एसआरपी प्रोग्राम के माध्यम से, शूलिनी शूनिवर्सिटी वैज्ञानिक प्रोफेशनल्स की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए युवा दिमाग में वैज्ञानिक सोच पैदा करने और विकसित करने की कल्पना करता है।
बीटेक एसआरपी डिग्री ग्रेजुएशन स्तर पर छात्रों के बीच अनुसंधान क्षमताओं को विकसित करती है और उन्हें अत्याधुनिक शोध करने, उच्च गुणवत्ता वाले शोध पत्र प्रकाशित करने और पेटेंट दाखिल करके उनकी बौद्धिक संपदा (इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी) को सुरक्षित करने के लिए प्रशिक्षित करती है। दुनियाभर में प्रतिष्ठित क्यूएस एशिया रैंकिंग द्वारा अनुसंधान के संबंध में भारत में नंबर 1 स्थान पर आंकी गई शूलिनी शूनिवर्सिटी अपने छात्रों को पेटेंट फाइलिंग और बौद्धिक संपदा (आईपी) के क्षेत्र में भी लगातार सहायता प्रदान कर रहा है।
इस मौके पर शूलिनी यूनिवर्सिटी के संस्थापक और प्रो चांसलर विशाल आनंद ने कहा कि ''सम्मिट रिसर्च प्रोग्राम भारत में अनुसंधान के लिए सबसे अधिक सकारात्मक बदलाव लाने वाले प्रोग्राम्स में से एक है। इसके पीछू मूल विचार यह है कि प्रत्येक छात्र जो एसआरपी का हिस्सा है, पहले वर्ष से ही अपनी बौद्धिक संपदा का प्रकाशन और उसके अधिकार प्राप्त करने में सक्षम है।''
एप्लाइड साइंसेज और बायोटेक्नोलॉजी फैकेल्टी की डीन प्रो. अनुराधा सौरीराजन का कहना है कि ''भारत के लिए, टीएचई, क्यूएस और अन्य प्लेटफार्मों में भारत की रैंकिंग में सुधार के लिए अंडरग्रेजुएट रिसर्च को बढ़ावा देना बहुत महत्वपूर्ण है। बायोटेक्नोलॉजी/ फूड टेक्नोलॉजी में शूलिनी यूनिवर्सिटी का बीटेक एसआरपी प्रोग्राम इस दिशा में ही की जा रही एक महत्वपूर्ण पहल है। उद्योग की मांग के अनुसार छात्रों को उच्च प्रशिक्षित फैकेल्टी सदस्यों द्वारा उनकी प्रयोगशालाओं में उच्च गुणवत्ता वाले शोध करने के लिए कंसल्टेशन प्रदान किया जाती है।''
उन्होंने कहा कि ''स्वास्थ्य, भोजन और पर्यावरण की उभरती समस्याओं को हल करने के लिए उन्हें लीक से हटकर सोचने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। हमारे एसआरपी पास-आउट स्टूडेंट्स के रिसर्च पेपर्स कई इंटरनेशनल जनरल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने अपनी रिसर्च के आधार पर कई सारे पेटेंट फाइल किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्रतिष्ठित बॉयोटेक्नोलॉजी / फूड टेक्नोलॉजी / फार्मा उद्योगों में सुरक्षित और बेहतरीन कैंपस प्लेसमेंट और भारत और विदेशों में हायर एजुकेशन और रिसर्च आदि के लिए प्रतिस्पर्धी फेलोशिप हासिल की है।''
शूलिनी विश्वविद्यालय के बारे में:
2009 में स्थापित, शूलिनी यूनिवर्सिटी ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट साइंसेज़ UGC से पूर्ण मान्यता के साथ एक शोध-संचालित निजी विश्वविद्यालय है। भारत के इस प्रमुख विश्वविद्यालय को नवाचार, गुणवत्ता प्लेसमेंट और विश्व स्तरीय संकाय के लिए मान्यता प्राप्त है। निचले हिमालय में स्थित इस विश्वविद्यालय को NAAC से मान्यता प्राप्त है और इसे NIRF द्वारा रैंक किया गया है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें: https://shooiniuniversity.com/
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