शूलिनी यूनिवर्सिटी वैज्ञानिकों को कोविड-19 अनुसंधान के लिए माइक्रोसॉफ्ट से ग्रांट (अनुदान) की पेशकश
सोलन, भारत, 13 मई, 2020 /PRNewswire/ -- हिमाचल प्रदेश स्थित शूलिनी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक टीम को कोविड19 के उपचार और इस को रोकने के लिए दवाओं का पता लगाने संबंधित शोध करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) हेल्थ प्रोग्राम के माध्यम से अनुदान की पेशकश की गई है।
इस परियोजना को हाई परफॉर्मेंस कम्प्यूटिंग (एचपीसी) कंसोर्टियम के माध्यम से फंड प्रदान किया गया है और डॉ.गुरजोत कौर, एसोसिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज, के नेतृत्व वाली टीम को माइक्रोसॉफ्ट लाइसेंस्ड संसाधनों के साथ काम करने के लिए अगले छह महीनों के लिए माइक्रोसॉफ्ट एज्यूर क्रेडिट्स तक पहुंच प्राप्त होगी जो कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और वर्चुअल मशींस हैं।
टीम मॉलीक्यूलर मॉडलिंग अध्ययनों का उपयोग करके कोविड19 विशिष्ट लक्ष्यों का उपयोग करते हुए इंटरेक्शन के माध्यम से एंटी-वायरल गतिविधि के लिए फाइटोकेमिकल घटकों की बहुत जरूरी स्क्रीनिंग का प्रदर्शन करेगी। भारतीय औषधीय जड़ी-बूटियों में समान या समान फाइटोकॉन्स्टिट्यूएंट्स होते हैं और एंटी-कोविड 19 दवाओं के रूप में उनमें काफी बेहतरीन संभावनाएं दिखती हैं। यह परियोजना सीधे कोविड19 के लिए एंटी-वायरल दवा के विकास को प्रोत्साहित करेगी और इससे काफी व्यापक सकारात्मक प्रभाव सामने आएंगे।
डॉ.गुरजोत कौर के अनुसार, संक्रमित कोविड19 रोगियों की वर्तमान संख्या तेजी से बढ़ रही है। जबकि सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग और एक महीने के लॉकडाउन को लागू किया है, और ये इस फैलती महामारी के लिए अच्छे दीर्घकालिक समाधान नहीं हैं। एक अधिक व्यवहार्य विचार दोनों प्रोफिलैक्सिस के लिए औषधीय दवाओं के विकास के साथ-साथ वायरस से संक्रमित रोगियों के उपचार में व्यापक निवेश करना होगा।
कई मौजूदा एंटी-वायरल दवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित रोगियों पर इसके प्रभाव को कम करने या यहां तक कि पूरी तरह से ठीक करने की उम्मीद में कोशिश की जा रही है और इस तरह मृत्यु दर में कमी आती है। दुर्भाग्य से, वर्तमान दवा रणनीतियों में से कोई भी पूरी तरह से सकारात्मक परणिाम देने वाली नहीं है और वैक्सीन के विकास में एक वर्ष से अधिक समय लग सकता है।
शूलिनी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो.पी.के.खोसला ने डॉ. गुरजोत कौर द्वारा अपने नेतृत्व में शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी परियोजना के लिए अपना पूरा सहयोग देगी।
Shoolini University के बारे में:
2009 में स्थापित Shoolini University एक अनुसंधान प्रेरित निजी विश्वविद्यालय है जिसे UGC से पूरी मान्यता प्राप्त है। एक अलाभकारी संगठन के रूप में भारत का यह अग्रणी विश्वविद्यालय, नवप्रवर्तन पर फोकस, गुणवत्तापरक नियोजन और विश्वस्तरीय फैकल्टी की वजह से जाना जाता है। हिमालय के निचले क्षेत्र में स्थित इस विश्वविद्यालय ने NAAC से मान्यता प्राप्त की है और इसे NIRF द्वारा रैंक दी गई है।
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