मैरिटाइम क्षेत्र के विशेषज्ञों ने INMEX SMM India के वर्चुअल संस्करण में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई
- मैरिटाइम और शिपिंग उद्योग के प्रतिष्ठित वर्चुअल सम्मेलन में 2876 विजिटरों ने भाग लिया
मुंबई, भारत,, 3 दिसंबर, 2020 /PRNewswire/ -- Informa Markets in India और Hamburg Messe und Congress की ओर से शिपिंग और मैरिटाइम उद्योगों के लिए प्रमुख व्यापारिक प्रदर्शनी INMEX SMM India (19-20 नवम्बर) का वर्चुअल संस्करण सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ, जिसमें U.S., U.K., UAE, स्पेन, जर्मनी, हांगकांग, सिंगापुर, कतर, तुर्की, ब्राजील आदि से 2876 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों ने भाग लिया। इस एक्सपो ने दुनिया के जाने-माने ब्रांडों, प्रमुख सरकारी अधिकारियों, परामर्शदाताओं, ट्रेड एसोसिएशनों और कारोबारी विशेषज्ञों को एक प्लेटफार्म पर एकजुट किया, जहां उन्होंने मैरिटाइम विज़न 2030 दस्तावेज में भारतीय शिपिंग से संबंधित प्रमुख मुद्दों, शिपिंग में डिजिटलीकरण, शिपिंग पर COVID-19 का प्रभाव व अन्य विषयों पर चर्चा की।
INMEX SMM India वर्चुअल एक्सपो के उद्घाटन में प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही जिनमें रियर एडमिरल Rajaram Swaminathan, एडमिरल सुपरिंटेंडेंट, नेवल डॉकयार्ड (मुंबई), Mr. Sabyasachi Hajara, सेवानिवृत्त, CMD, भारतीय जहाजरानी निगम, अध्यक्ष, INMEX SMM सलाहकार बोर्ड; Mr. Claus Ulrich Selbach - बिजनेस यूनिट डॉयरेक्टर, Hamburg Messe Und Congress GmbH; Dr. Malini V Shankar, IAS (सेवानिवृत्त), वॉइस चांसलर, भारतीय जहाजरानी विश्वविद्यालय और अध्यक्ष, दि नेशनल शिपिंग बोर्ड, भारत सरकार; Mr. Amitabh Kumar, IRS, महानिदेशक, जहाजरानी, जहाजरानी महानिदेशालय, पत्तन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, और Mr. Yogesh Mudras, मैनेजिंग डॉयरेक्टर, Informa Markets in India प्रमुख रूप से उल्लेखनीय हैं।
INMEX SMM India के वर्चुअल संस्करण के सफल समापन के अवसर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए Mr. Yogesh Mudras, मैनेजिंग डॉयरेक्टर, Informa Markets in India ने कहा कि, "शिपिंग और मैरिटाइम शक्ति के रूप में भारत की भूमिका महत्त्वपूर्ण है जहां मात्रा के आधार पर भारत का औसतन 95 प्रतिशत और मूल्य के आधार पर 70 प्रतिशत व्यापार समुद्री परिवहन के माध्यम से किया जाता है। भारत की 80 प्रतिशत से अधिक एनर्जी भी समुद्री मार्ग से ही सप्लाई की जाती है। महामारी ने सप्लाई चेन, शिपिंग नेटवर्कों और पत्तनों को अस्तव्यस्त कर दिया, जिससे कार्गो वॉल्यूम कम होने के साथ भावी वृद्धि की संभावनाएं भी जाती रहीं। हालांकि जल्दी ही टीका उपलब्ध होने की खबरों ने एक उम्मीद की किरण जगा दी है और ऐसी परिस्थिति में यह अनुमान है कि मैरिटाइम व्यापार की वृद्धि सकारात्मक रास्ते पर वापस लौटेगी और वैश्विक आर्थिक आउटपुट रिकवर होने के साथ 2021 तक 4.8% प्रगति करेगी। अगर कोविड-19 के पश्चात अल्ट्रा जियो-इकोनॉमिक गतिविधियों वाले विश्व में भारत को फलना-फूलना है और अपनी वृद्धि की रफ्तार फिर से हासिल करनी है तो देश को विश्व से व्यापार करना ही होगा। 7,517 किमी. तटरेखा के साथ भारत के विश्व में सोलहवें सबसे बड़े मैरिटाइम उद्योग वाला देश होने के नाते हमें विश्वास है कि मैरिटाइम के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए इस सेक्टर में एक प्रमुख इंजन बनने की संभावनाएं मौजूद हैं। मैरिटाइम पॉवर और ब्ल्यू इकोनॉमी, उस महामारी से प्रेरित मंदी का प्रभाव दूर करने का तरीका हो सकते हैं, जिसकी चपेट में भारत भी आया हुआ है।"
उन्होंने आगे बताया कि, "INMEX SMM India वर्चुअल एक्सपो को 2 दिवसीय जानकारियों से भरपूर कॉन्फ्रेन्स के साथ एकदम सही समय पर आयोजित किया गया और इसने मैरिटाइम उद्योग के लिए महत्त्वपूर्ण कारोबारी निरंतरता, बातचीत और संपर्क बनाए रखने के लिए एक सम्पूर्ण प्लेटफार्म की पेशकश की।"
इस वर्चुअल एक्सपो में विषयवस्तु से भरपूर दो दिवसीय कॉन्फ्रेन्स शामिल रही, जिसमें वैचारिक अग्रणी लोगों द्वारा निम्न विषयों पर चर्चा की गईः 'मैरिटाइम इंडिया -विज़न 2030 दस्तावेज'; 'शिपिंग 2020 - COVID-19 महामारी का प्रभाव'; 'COVID-19 के बाद की दुनिया में विकार्बनीकरण?'; 'ईंधन घटोत्तरी और ग्रीनहाउस गैस में कमी के लिए डिजाइन ऑप्टिमाइजेशन'; 'सीलेन सिक्योरिटी का भविष्य'; 'कोस्टल शिपिंग और आंतरिक जलमार्गों द्वारा परिवहन और शहरों में जल परिवहन'; 'शिपिंग उद्योग में डिजिटल और तकनीकी उन्नतियां'; 'जहाजों पर साइबर सुरक्षा' और 'नेट सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत' व अन्य विषय शामिल रहे। कॉन्फ्रेन्स के प्रमुख वक्ताओं में Mr. Guy Platten, महासचिव, International Chamber of Shipping, Mrs. H K Joshi, CMD, भारतीय जहाजरानी निगम, Mr. Madhu Nair, CMD, कोचीन शिपयार्ड लि, Captain S M Halbe, CEO, The Maritime Association of Shipowners, Ship Managers and Agents (MASSA), Christopher Palsson, मैनेजिंग डॉयरेक्टर, Maritime Insight, हेड ऑफ कंसल्टिंग, Lloyd's List Intelligence, Maritime Intelligence और Mr. Girish Sreeraman, एरिया मैनेजर मैरिटाइम - भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश और थाईलैण्ड DNV GL - Maritime आदि शामिल रहे।
INMEX SMM India वर्चुअल एक्सपो के बारे में उद्योग जगत की रायः
INMEX SMM India वर्चुअल एक्सपो के उद्घाटन के अवसर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए Mr. Sabyasachi Hajara, सेवानिवृत्त, CMD, भारतीय जहाजरानी निगम, और अध्यक्ष, INMEX SMM भारतीय सलाहकार बोर्ड ने कहा कि, "INMEX SMM India के वर्चुअल एक्सपो में भागीदारी मेरे लिए बड़ी प्रसन्नता की बात है। यह भारत में अपनी तरह का पहला आयोजन है। विविध प्रस्तुतिकरणों की विषयवस्तु और विजिटरों की कुल संख्या ने मुझे काफी प्रभावित किया है। शिपिंग और लॉजिस्टिक उद्योग सहीत प्रत्येक उद्योग ज्ञान-आधारित उद्योग है और ज्ञान की साझेदारी, पेशेवर तौर तरीके बेहतर बनाते हुए सफलता पाने का सर्वोत्तम तरीका है। इसलिए INMEX SMM India वर्चुअल एक्सपो उद्योग जगत के लिए एक सफल इवेंट के रूप में उभरा है।"
INMEX SMM India के बारे में बात करते हुए Dr. Malini V Shankar, (सेवानिवृत्त IAS), अध्यक्ष, दि नेशनल शिपिंग बोर्ड, भारत सरकार, वॉइस चांसलर, भारतीय जहाजरानी विश्वविद्यालय ने कहा कि, "मैरिटाइम उद्योग के लिए 19-20 नवम्बर 2020 को भारत की पहली वर्चुअल प्रदर्शनी और कॉन्फ्रेन्स आयोजित करने के लिए INMEX SMM India को मेरी शुभकामनाएं। वर्चुअल कॉन्फ्रेन्स आयोजन में अग्रणी यह इवेंट मैरिटाइम सेक्टर की श्रेष्ठ प्रतिभाओं को एकजुट करने और विविध विषयों पर चर्चा करने के लिहाज से काफी अच्छा रहा है। विविध हितधारकों को एक मंच पर लाना बहुत उपयोगी है और उद्योग से संबंधित तकनीकी पहलुओं तथा नीतिगत पहलुओं के लिए यह इवेंट एक शानदार फोरम है। यह ऐसा प्लेटफार्म है जहां नीतिगत सिफारिशों पर चर्चा की गई है और सारगर्भित करते हुए उच्चस्तरीय सिफारिश के रूप में सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। यह मैरिटाइम शिक्षा और प्रशिक्षण सहित तकनीकी पहलुओं को तकनीकी विकास के अनुरूप रखने के लिए भी उपयोगी है। INMEX SMM India क्रे लिए मेरी सर्वोत्तम शुभकामनाएं, और मुझे आशा है कि भविष्य में भी यह इवेंट ज्यादा से ज्यादा लोगों की पसंद बनेगा और वे लोग उसकी उत्सुकता से प्रतीक्षा करेंगे"
Mr. Amitabh Kumar, IRS, महानिदेशक, जहाजरानी, जहाजरानी महानिदेशालय, पत्तन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, ने अपने उद्घाटन भाषण में इस बारे में जिक्र किया कि किस तरह से COVID-19 ने कम सल्फर की दिशा में बदलाव लागू करने की दिशा में देशों की अनेक उपलब्धियों में ठहराव ला दिया है। "पिछले एक साल में हम महामारी से निबटने के अलावा अन्य किसी तरफ ध्यान नहीं दे सके हैं। महामारी से शिपिंग में रूकावट नहीं आई और हमारे लक्ष्य हासिल करने की दिशा में अनेक नवप्रवर्तन किए गए। सामने मौजूद कार्यों के लिए समाधान खोजने हेतु हमने अथक परिश्रम किया है, बोर्ड पर, ऑफशोर, जहाजों पर, तथा तटों पर अन्य संबंधित उद्योगों में COVID-19 का प्रबंधन किया गया है। नाविकों को COVID-19 की गंभीरता का सामना सबसे ज्यादा करना पड़ा है, जो अभी भी इससे जूझ रहे हैं। नाविकों की समस्याएं COVID-19 के कारण नहीं, बल्कि इससे संबंधित नीतियों के कारण हैं। अगर भारत जैसे देश महामारी शुरू होने के बाद 30 दिनों के अंदर पत्तनों पर परीक्षण सुविधाएं, तथा कंटेनमेन्ट और क्वारंटीन जोन आदि की व्यवस्था कर सकते थे, तो अन्य देशों द्वारा ऐसा न किया जा सकने की कोई वजह नहीं थी। विश्व में नाविकों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है, और नीतियों पर राजनीति को वरीयता दी जाती रही है। इस बारे में सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठन एकमत हैं कि नाविकों को समुचित सम्मान दिया जाना चाहिए, हमें उनकी सेवाओं की ज़रूरत है, और उनको उनके कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा सभी ज़रूरी सहायक व्यवस्थाएं की जानी चाहिए।
साथ ही, COVID-19 के कारण भी विश्व में कई विकास हुए हैं। कई तकनीकी अनुकूलन हुए हैं, जिनको अन्यथा होने में वर्षों लगते जैसे कि ई-लर्निंग, वर्चुअल प्रशिक्षण, ऑनलाइन मॉड्यूल, ऑनलाइन परीक्षाएं, प्रशिक्षण के लिए डिजिटल प्रमाणन आदि। विश्व को ये बदलाव और तकनीकें समझनी होंगी और इन्हें और विकसित करना होगा। परिस्थिति में सुधार के साथ हमें इन लाभों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। हमारे बिजनेस करने के तौर-तरीकों में बदलाव की अपरिमित संभावनाएं हैं। मैरिटाइम के शानदार भविष्य के लिए भारत तैयार हो रहा है। कानूनी बदलाव किए जा रहे हैं, प्रमुख पत्तन विधेयक लाया गया है, मर्चेन्ट शिपिंग विधेयक में बदलाव हो रहे हैं, नया कोस्टल शिपिंग विधेयक लोक चर्चा के अधीन है। इन सभी क्षेत्रों में हमारे कानून पुराने हैं, जो अनुपयुक्त होते जा रहे हैं। हम भारतीय जहाजों के स्वामित्व के प्रावधाान भी आसान बनाने की दिशा में विचार कर रहे हैं। शिपिंग में 100 प्रतिशत FDI, जहाजों, पत्तनों, जलमार्गों और शिपिंग में विदेशी संस्थाओं की भागीदारी के लिए नियम कम जटिल बनाने के साथ जहाज निर्माण, स्वामित्व और प्रशिक्षण, भारत में नए उद्यमियों के लिए नवप्रवर्तक सहयोग आदि पर समान रूप से जोर दिया जा रहा है।
मैरिटाइम विज़न 2030 दस्तावेज के विषय में अपनी बात रखते हुए Mrs. HK Joshi, CMD, भारतीय जहाजरानी निगम ने बताया कि विज़न दस्तावेज को अभी अपनाया नहीं गया है और अभी इस पर विचार चल रहा है। यह दस्तावेज एकदम सही समय पर लाया गया है और यह वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय का दूरदर्शी नज़रिया है। इसमें इस बारे में बात की गई है कि हमारी मैरिटाइम अर्थव्यवस्था की प्रगति के लिए किस तरह से भारत की 7500 किमी. से अधिक तटरेखा और जलमार्गों को विकसित करना होगा। "शिपिंग, पूरे मैरिटाइम विज़न दस्तावेज का केंद्रबिंदु है और पत्तन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के रूप में मंत्रालय के नए नामकरण से भी यह परिलक्षित होता है। शिपिंग, जहाज निर्माण और जहाजी बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक अग्रणी बनाना विज़न 2030 दस्तावेज का लक्ष्य है। अगर हम अग्रणी घरेलू हितधारक बन सके, तो हम वैश्विक मानचित्र पर भी आगे बढ़ सकते हैं। शिपिंग, पत्तन, अंतर्देशीय जलमार्ग ऐसे उद्योग बनने वाले हैं जो अर्थव्यवस्था के विकास को गति प्रदान करेंगे। मैरिटाइम सेक्टर, अर्थव्यवस्था के पहियों को रफ्तार दे सकता है, शिपिंग, जहाज निर्माण उद्योग का आधार और इसके विकास की पूर्व-आवश्यकता है। हमें भारतीय टनेज में पर्याप्त वृद्धि करनी होगी, जो सहायक उद्योगों को अपने-आप बल प्रदान करेगी। मैरिटाइम विज़न 2030 दस्तावेज में इन सभी को सम्मिलित किया गया है ताकि भारतीय निर्मित, फ्लैग्ड और स्वामित्व वाले तथा विदेश में निर्मित, फ्लैग्ड और स्वामित्व वाले जहाज मौजूदा टनेज को सपोर्ट कर सकें और इसके लाभ खोजे जा सकें।"
उन्होंने आगे बताया कि, "MSME, देश के आर्थिक इंजन भी हैं जो कोस्टल शिपिंग, मल्टीमोडल परिवहन, अंतर्देशीय जलमार्ग, आधुनिकीकरण में भूमिका निभा सकते हैं। यदि हम आत्मनिर्भर हो सकें तो हम अपने वैश्विक प्रभाव में सुधार कर सकते हैं भारत की GDP बड़ी है लेकिन हमारे छोटे पड़ोसी तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। हिंद महासागर और अरब सागर में हमें प्रमुख हितधारक बनने के लिए काम करना होगा और प्रयास करना होगा। तभी हम आगे से पीछे तक एकीकरण के साथ वैश्विक क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ा सकेंगे। टनेज में वृद्धि की भी ऊर्जा और मैरिटाइम सुरक्षा की दिशा में बड़ी भूमिका रहेगी।"
Informa Markets के बारे में:
Informa Markets उद्योगों और विशिष्ट बाज़ारों के लिए व्यापार, नवप्रवर्तन और वृद्धि हेतु प्लेटफार्म निर्मित करती है। हमारे पोर्टफोलियो में, हेल्थकेयर और फार्मास्यूटिकल्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर, कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट, फैशन और एपैरेल, हॉस्पिटैलिटी, फूड और बेवरेज, और हेल्थ व न्यूट्रीशन व अन्य बाज़ार क्षेत्रों से संबंधित 550 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय B2B इवेंट्स और ब्रांड शामिल हैं। हम दुनिया भर में ग्राहकों व साझेदारों को प्रत्यक्ष संपर्क वाली प्रदर्शनियों, विशिष्ट डिजिटल सामग्री, और कार्यवाही योग्य डाटा समाधानों के माध्यम से जुड़ने, अनुभव करने, और कारोबार करने के अवसर उपलब्ध कराते हैं। दुनिया में अग्रणी प्रदर्शनी आयोजक के रूप में हम विशिष्ट बाज़ारों की बड़ी विविधतापूर्ण रेंज को जीवंत बनाते हैं, अवसर उत्पन्न करते हैं और उनको साल में 365 दिन वृद्धि करने में मदद करते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया www.informamarkets.com देखें।
Informa Markets और भारत में हमारे व्यवसाय के बारे में:
Informa Markets का स्वामित्व Informa PLC के पास है, जो कि एक अग्रणी B2B सूचना सेवा समूह और विश्व में सबसे बड़ी B2B इवेंट्स आयोजक कंपनी है। Informa Markets in India (भूतपूर्व UBM India) भारत में अग्रणी प्रदर्शनी आयोजक है जो घरेलू स्तर पर तथा पूरी दुनिया में स्पेशलिस्ट बाज़ारों और ग्राहक समुदायों को प्रदर्शनियों, डिजिटल सामग्री और सेवाओं, और कॉन्फ्रेन्सों और सेमिनारों के माध्यम से व्यापार, नवप्रवर्तन, तथा वृद्धि में मदद करने के लिए समर्पित है। प्रत्येक वर्ष हम 25 से अधिक बड़े पैमाने की प्रदर्शनियां, 40 कॉन्फ्रेन्स, तथा औद्योगिक पुरस्कार और प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित करते हुए अनेक उद्योग क्षेत्रों में व्यापार सक्षम बनाते हैं। भारत में Informa Markets के कार्यालय मुम्बई, नई दिल्ली, बंगलौर और चेन्नई में स्थित हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया https://www.informamarkets.com/en/regions/asia/India.html देखें।
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