KISS और KIIT का NGMA के साथ समझौता
भुवनेश्वर, भारत, दिसंबर 1, 2021 /PRNewswire/ -- कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (KISS) और कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT), भुवनेश्वर ने 29 नवंबर को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (NGMA) के साथ एक करार किया है। इस समझौते पर डॉ अच्युत सामंत, संस्थापक, KIIT और KISS और अद्वैत गडनायक, महानिदेशक, NGMA ने डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, सांसद, राज्यसभा और अध्यक्ष, शिक्षा, महिला पर संसदीय स्थायी समिति की उपस्थिति में दस्तखत किया। मौके पर दिनेश पटनायक, आईएफएस, महानिदेशक, भारतीय, सांस्कृतिक संबंध परिषद और डॉ सूरज कुमार, सलाहकार, KISS मौजूद थे।
समझौता के अनुसार, KISS - KIIT अब से NGMA के साथ मिलकर आदिवासी कला, शिल्प, लेख और संस्कृति पर अनुसंधान और प्रलेखन, समकालीन कलाकृति की प्रदर्शनियों, सेमिनारों, सम्मेलनों और जनजातीय कारीगरों के आदान-प्रदान के माध्यम से सुरक्षा, संरक्षा और बढ़ावा का काम करेंगे। यह समझौता युवा आदिवासी कारीगरों के बीच कला, शिल्प और परंपराओं को पुनर्जीवित करने की एक पहल है। आदिवासी कला इतिहास, कला प्रशंसा, संग्रहालय विज्ञान आदि पर अंतर-संबंधों के क्षेत्र में उच्च अध्ययन और अनुसंधान के लिए NGMA, KISS - KIIT को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। साथ ही, समझौता का उद्देश्य जनजातीय कला और संस्कृति से संबंधित पुस्तकों, पत्रिकाओं, तस्वीरों और अन्य दृश्य-श्रव्य सामग्री की एक विशेष पुस्तकालय विकसित करना है। इस समझौते के एक हिस्से के रूप में आदिवासी जीवन शैली और आजीविका के विशेष संदर्भ में, आदिवासी कला और शिल्प के अनुसंधान, प्रलेखन, संग्रह के लिए एक साथ काम करने और सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने पर सहमति हुई है।
उल्लेखनीय है कि नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की स्थापना 1954 में हुई थी। गैलरी भारत में अपनी तरह की प्रमुख संस्था है। यह गैलरी देश के सांस्कृतिक लोकाचार का भंडार है और दृश्य और प्लास्टिक कला के क्षेत्र में पिछले ढाई सौ वर्षों के दौरान बदलते कला रूपों को प्रदर्शित करता आया है। नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट लोगों को आधुनिक कला के कार्यों को हमारे दैनिक जीवन के साथ अपने संबंधों को विस्तारित और उन्हें मानवीय भावना की महत्वपूर्ण अभिव्यक्तियों के रूप में अनुभव कर अत्यंत खुशी, समझ और ज्ञान के साथ देखने में मदद करता है।
बता दें कि, KISS दुनिया का सबसे बड़ा आदिवासी संस्थान है, जो 20,000 एल्युमनी छात्रों समेत 60,000 छात्रों को भोजन, आवास, स्वास्थ्य देखभाल और जीवन की सभी बुनियादी आवश्यकताएं बिल्कुल मुफ्त प्रदान करता है। KISS ने हमेशा शिक्षा के स्वदेशी नियंत्रण और हमारी विविध आदिवासी संस्कृतियों, कला, नृत्य, भाषाओं, लोककथाओं पर गर्व करने के सिद्धांत का दृढ़ता से पालन किया है। KISS आदिवासी कला और संस्कृति के संरक्षण पर जोर देता है और आदिवासी युवाओं को आय और आजीविका उत्पन्न कर सशक्त बनाता है जो आदिवासी आबादी वाले क्षेत्रों में सतत विकास में योगदान देगा।
KIIT भारत के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक है, जो शिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। KIIT अपनी स्कूल ऑफ स्क्लपचर के माध्यम से ओडिशा संस्कृति से प्रेरणा लेता है। KIIT स्कूल ऑफ स्कल्पचर दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए छात्रों को रचनात्मकता के लिए स्वतंत्रता प्रदान करने का प्रयास करेगा।
इस अवसर पर डॉ. सामंत ने कहा कि KIIT और KISS के इतिहास में यह अपनी तरह का पहला और अनूठा आयोजन है। कल्पना से ही दुनिया आगे बढ़ती है। आज की कल्पना कल की खोज बनती है। कला प्रेरणा के ईंधन द्वारा वास्तविकता में अनुवादित एक कल्पना है और जैसा कि विश्वविद्यालय समग्र विकास को प्राथमिकता देता आया है, हम इस अज्ञात क्षेत्र को लेकर भी उत्साहित हैं. हम एक साथ काम करने और एक साथ बढ़ने की उम्मीद करते हैं।
कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान के बारे में
कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर भारत के सबसे अधिक मांग वाले विश्वविद्यालयों में से एक है, जो पेशेवर और तकनीकी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए पूरे भारत और 53 से अधिक देशों के छात्रों को आकर्षित करता है। इसने करुणा और मानवता के सिद्धांतों पर आधारित सबसे अधिक छात्र-हितैषी विश्वविद्यालय के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बनाई है। प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता प्रो. अच्युत सामंत द्वारा 1992-93 में एक मामूली व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में स्थापित, इसने 1997 में उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में आकार लिया, जिसे आधार वर्ष माना जाता है। तब से केआईआईटी ने शिक्षा के प्रत्येक क्षेत्र में एक उच्च बेंचमार्क स्थापित करते हुए तेजी से विकास किया है।
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Director, PR,
Kalinga Institute of Industrial Technology
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