होम्योपैथीः पीसीओएस के लिए प्रमाणित उपचार पद्धति
अध्ययन से साबित होता है कि पारंपरिक चिकित्सा द्वारा अनुपचारित रहने वाले 68.9 प्रतिशत रोगियों का सफलतापूर्वक होम्योपैथी उपचार किया गया
मुंबई, 4 सितंबर, 2019 /PRNewswire/ -- डॉ बत्राज ने पीसीओएस के 4500 से अधिक रोगियों का सफल इलाज किया है, यहां उनकी कुछ कहानियाँ हैं
- "मैं अपने हार्मोनल असंतुलन के कारण बालों के झडने से पीड़ित था। डॉ बत्राज के इलाज के लिए धन्यवाद। मैं यह देखकर खुशी महसूस करता हूं कि मेरे नेचुरल बालों का विकास प्राकृतिक वापस आ गया है।" श्रीमती बनर्जी, कोलकाता
- "मैं अपने इलाज से बहुत खुश हूं। सिर्फ 3 महीनों में मेरे हार्मोनल असंतुलन को ठीक कर दिया गया और मेरे मुँहासे पूरी तरह से गायब हो गये हैं।" सुश्री रूही, बैंगलोर
- "डॉ बत्राज में पीसीओएस के उपचार के लिए धन्यवाद। मेरा वजन 10 किलों कम हुआ और मासिक धर्म नियमित हुए।" श्रीमती मेहता, अजमेर
- "पीसीओएस के उपचार के बाद मेरा अवसाद, सुस्त भावनाएं और उदासी गायब हो गई। डॉ बत्राज का धन्यवाद।" श्रीमती गुरविंदर, जालंधर
सालों से, दुनिया भर की महिलाओं को बताया जाता है कि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) न केवल शांत रहता है, बल्कि घातक भी है। प्रसव उम्र की 10 में से 1 महिला इस बीमारी से प्रभावित होती हैं और उनमें से कम से कम आधी महिलाएं बिना जांच के रह जाती हैं। मधुमेह, लीवर रोग, एंडोमेट्रियल कैंसर और हृदय रोग, पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (पीसीओएस) का कारण के रूप में एंडोक्राइन सिस्टम विकार को माना जाता है। यह मोटापे, गंभीर मुँहासे और यहां तक बालों के झडने का मूल कारण है जिससे आत्मसम्मान की कमी जैसी समस्या तक बढ सकती है। पीसीओएस एक आनुवांशिक, हार्मोनल, मेटाबाॅलिक और प्रजनन संबंधी विकार है। इस विश्व पीसीओएस जागरूकता माह डॉ बत्राज ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला है कि कैसे पीसीओएस और पीसीओएस लक्षणों को न केवल प्रबंधित करना आसान है, बल्कि जांच द्वारा समय से पहले ही इसकी भविष्यवाणी भी की जा सकती है।
पीसीओएस से प्रभावित महिलाएं पुरुष हार्मोन का एक बड़ी मात्रा का उत्पादन करती हैं और महिला हार्मोन का पर्याप्त उत्पादन नहीं होता, जो डिम्बोत्सर्जन (ओव्यूलेशन) को प्रभावित करती हैं। पीसीओएस के रोगियों में, अंडाशय आमतौर पर बढ़े हुए होते हैं और इनमें कई छोटे अल्सर भी हो सकते हैं। महिलाएं अपने शरीर को सबसे अच्छी तरह से जानती हैं और उन्हें यह जांचने की जरूरत है कि क्या उनका मिजाज बदलता रहता है, वजन अनियंत्रित तरीके से बढ रहा है, मुंहासे बढ रहे है, पीरियड्स अनियमित है और चेहरे पर अनचाहे बाल बढ़ रहे हैं तो यह पीसीओएस के लक्षण हो सकते हैं।
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान) द्वारा पीसीओएस और उनकी पहली डिग्री महिला रिश्तेदारों यानी माताओं या बहनों के साथ महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, यह पाया गया कि 67 प्रतिशत माताओं और 87 प्रतिशत बहनें भी इससे प्रभावित थीं। वास्तव में यह कहा जाता है कि पीसीओएस रोगियों की 61 प्रतिशत प्रथम श्रेणी की महिला रिश्तेदारों को भी बीमारी से प्रभावित होने की संभावना हो सकती है। चिंताजनक यह है कि अध्ययनों से पता चला है कि बीमारी के लिए जीनों का एक समूह जिम्मेदार है। इसके प्रकटीकरण के लिए, शोधकर्ता और वैज्ञानिक इस बात का सटीक अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि परिवार के कौन से सदस्य बीमारी से पीड़ित होंगे और इसलिए पीसीओएस उपचार के अधिकांश पारंपरिक तरीके इस समस्या का सटीक उपचार नहीं कर पाते।
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पीसीओ के बारे में जागरूकता बढ़ाते हुए, पद्मश्री प्राप्तकर्ता तथा डॉ बत्राज ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के संस्थापक डॉ. मुकेश बत्रा, ने कहा, "महिलाएं वास्तव में दुनिया को चलाती हैं। दूसरों को अपनी सेवाएं देते हुए अक्सर वे खुद की उपेक्षा करती हैं। इस विश्व पीसीओएस जागरूकता माह में हम उनकी देखभाल करना चाहते हैं। मेरे 45 वर्षों के अभ्यास में मैंने बहुत सी महिलाओं को देखा है जो बालों के झड़ने, मुँहासे और हार्मोनल मुद्दों की शिकायत करती हैं। यह जानने के लिए कि क्या वे वास्तव में पीसीओएस से पीड़ित हैं । यह समझना महत्वपूर्ण है कि लक्षणों का मूल कारण क्या है और इसलिए समय पर जांच महत्वपूर्ण है। "
अधिकांश पारंपरिक उपचारों में या तो सर्जरी की जाती है या हार्मोनल उपचार जिसमें अनावश्यक जोखिम जैसे दुष्प्रभाव होते हैं और हार्मोनल उपचार के मामले में सर्वाइकल तथा यटूराइन कैंसर के मामलों में पुनरावृत्ति दर 90 प्रतिशत रहती है।
पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा पर द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी में प्रस्तुत एक अध्ययन ने साबित किया कि 132 पीसीओएस के रोगियों को पारंपरिक चिकित्सा प्रदान करने पर उन्हें लाभ नहीं हुआ जबकि होम्योपैथी द्वारा उपचारित करने पर 91 रोगियों का उपचार सफल रहा।
होम्योपैथी एक बीमारी के मूल कारण पर केंद्रित है और हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए काम करता है, ओव्यूलेशन को नियमित करने के साथ-साथ मासिक धर्म को सामान्य करता है। होम्योपैथी एक व्यक्तिगत उपचार है और इसलिए प्रभावी रूप से असर करता है और पीसीओएस के जुड़े लक्षणों का प्रभावी ढंग से इलाज करने में मदद करता है।
पीसीओएस और संबंधित शिकायतों के इलाज के लिए कुछ होम्योपैथिक उपचार हैं :
- बालों का झड़ना और पीसीओएसः वीसबडेन, अर्निका, थूजा, एसिड फ्ला̆र, चाईना
- मुँहासे और पीसीओएसः बर्बेरिस एक्वाफोलियम, फास्फोरस, सिलिसिया, सल्फर, कैल्केरिया-सल्फ, बोरेक्स, हेपर- सल्फ, काली-ब्रोम
- बांझपनः पल्सेटिला, सीपिया, टेरंटुला, एपिस, लाइकोपोडियम, लेशीसिस
(कृपया स्व-चिकित्सा न करें। एक उचित खुराक और उपचार की अवधि के लिए एक होम्योपैथ से परामर्श करें)।
जागरूकता पैदा करने के कारण को आगे बढ़ाने के प्रयास में, डॉ बत्राज पीसीओएस से पीड़ित सभी महिलाओं के लिए मुफ्त परामर्श प्रदान करता है। ऑफ़र का लाभ उठाने के लिए, अपने निकटतम डॉ बत्राज के क्लिनिक पर जाएं या आज +91-9167791677 पर कॉल करें। ऑफर केवल 30 सितंबर 2019 तक वैध है।
डॉ बत्राज मल्टी-स्पेशलिटी होम्योपैथी क्लीनिक के बारे में:
भारत, यूके, यूएई, बहरीन और बांग्लादेश में लगभग 225 क्लीनिकों के साथ डॉ बत्राज की मल्टी-स्पेशलिटी होम्योपैथी क्लीनिक होम्योपैथिक क्लीनिकों की दुनिया की सबसे बड़ी श्रृंखला है। दुनिया भर में काम करने वाले और लगभग 15 लाख रोगियों का इलाज करने वाले लगभग 400 होम्योपैथिक डॉक्टरों के साथ, हाल ही में द इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा आयोजित आइकॉनिक ब्रांड ऑफ इंडिया अवाड्र्स 2018 में 'आईकोन आ̆फ इन्डेजिनस एक्सीलैंस इन हेल्थकेयर' से सम्मानित किया।
Sources:
- https://www.womenshealth.gov/a-z-topics/polycystic-ovary-syndrome
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1820621/
- https://academic.oup.com/jcem/article/84/1/38/2866124
- https://academic.oup.com/humupd/article/11/6/631/778923
- https://www.omicsonline.org/proceedings/effects-of-homeopathic-medicines-in-poly-cystic-ovarian-syndrome-pcos-18909.html
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
डेनियल ग्रेसियस
+ 91-9819180717
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