मुंबई, 10 जनवरी, 2020 /PRNewswire/ -- लांसेट मेडिकल जर्नल में एक अध्ययन के अनुसार‚ वैश्विक स्तर पर प्रत्येक 10 दमा रोगियों में से 1 भारत का है। कोई आश्चर्य नहीं कि सर्दियों की शुरुआत के साथ, देश भर में माता-पिता कंपकंपाने लगते हैं- ठंड से नहीं बल्कि इस डर से कि उनका बच्चा बीमार होने वाला है। सर्दी अपने साथ एक विपरीत वातावरण भी लाती है जो खांसी‚ ठंड और सांस की तकलीफ को उजागर करता है। डा बत्राज दर्शा रहे है कि प्राकृतिक‚ दर्द रहित और साइड-इफेक्ट मुक्त होम्योपैथी आपके प्रियजनों को अच्छे स्वास्थ्य का उपहार देने के लिए सिर्फ सही तरीका हो सकता है।
एलर्जी राइनाइटिस‚ अस्थमा‚ ब्रोंकाइटिस‚ टॉन्सिलाइटिस और साइनुसिस‚ सांस संबंधी बीमारियों के कुछ सामान्य रूप हैं। ये तब होते हैं जब सांस नली धूल‚ प्रदूषण‚ पराग कण और धुएं‚ आनुवांशिक कारणां‚ जैसे परिवार के इतिहास और तनाव तथा पर्यावरणीय कारकों के कारण अवरुद्ध हो जाती हैं। सांस संबंधी बीमारियों के उपचार में होम्योपैथी की एक सिद्ध प्रभावकारिता है क्योंकि यह रोग से राहत प्रदान करती है‚ पुनरावृत्ति की संभावना को कम करती है और इससे जीवन भर के लिए दवाओं पर निर्भर नहीं रहना पडता। होम्योपैथी रोग का जड़ से भी इलाज करती है‚ अधिक वहनीय है और श्वास संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करती है।
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होम्योपैथी और अस्थमा:
अस्थमा बहुत से लोगों के लिए एक जीवन-परिवर्तन की बीमारी हो सकती है क्योंकि यह कार्यालय या स्कूल में आने-जाने‚ व्यायाम करने‚ खेल-कूद‚ खाना पकाने और घर के कामों और सामाजिक कार्यों जैसी सामान्य दैनिक गतिविधियों में रूकावट या समस्याएं पैदा कर सकती है। दमा का आघात जानलेवा भी हो सकता है। बच्चों में‚ यह स्कूल में अनुपस्थित रहने का एक मुख्य कारण है। यह एक मनोदैहिक विकार है - अधिकांशतः एलर्जी के रूप में उजागर होता है तनाव तथा संबंधों में समस्या के तौर पर दिखाई देता है। होम्योपैथी में अस्थमा के इलाज के लिए, आपको इसके मूल कारण का इलाज करना होता है।
होम्योपैथी एक समग्र दृष्टिकोण का उपयोग करता है जिसमें रोगियों के इलाज के लिए उनके मनोवैज्ञानिक‚ शारीरिक और पर्यावरणीय कारकों को समझना शामिल है। साइड-इफेक्ट से मुक्त और प्राकृतिक होम्योपैथिक दवाएं श्वसन मार्ग की रूकावट को कम करने और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। अस्थमा के लिए होम्योपैथिक दवाएं सांस लेने की क्षमता का बढाती है‚ हस्पताल में भर्ती होने की जरूरत को कम करती है और बच्चों में मामलें में‚ स्कूल में उपस्थिति में‚ एकाग्रता का स्तर और शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार लाती है।
स्कॉटलैंड में एक अस्थमा आउटपेशेंट क्लिनिक में भाग लेने वाले रोगियों पर किए गए क्लीनिकल अध्ययन के अनुसार‚ होम्योपैथिक की इम्यूनोथेरेपी प्राप्त करने वाले रोगियों में प्लेसगो प्राप्त करने वालों की तुलना में अस्थमा के लक्षणों में कमी पाई गई।
"मेरे ब्रोन्कियल अस्थमा के लिए डा बत्राज के उपचार से मुझे लाभ हुआ है। मुझे अब रात में या सर्दियों में सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं है। "
- संगम सिंह‚ जामनगर
होम्योपैथी और ब्रोंकाइटिस:
ब्रोंकाइटिस एक श्वसन विकार है जिसमें फेफड़ों तक हवा ले जाने वाली नलियों में सूजन और जलन होती है। इससे इन नलियों की अंदरूनी परत फूल जाती है और बलगम उत्पन्न करती है‚ जिससे खांसी होती है। बीमारी की अवधि के आधार पर‚ ब्रोंकाइटिस तीक्ष्ण या पुराना हो सकता है। तीक्ष्ण ब्रोंकाइटिस ठंड या अन्य श्वसन संक्रमण से विकसित होता है‚ जबकि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस ब्रोन्कियल ट्यूबों की अधिक निरंतर जलन से उत्पन्न होता है‚ जो अक्सर धूम्रपान के कारण होता है।
होम्योपैथी दोनों प्रकार के ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोगों की मदद कर सकती है‚ और सौम्य और सुरक्षित उपचार प्रदान कर सकती है। जर्मनी में इलाज कराए गए ब्रोंकाइटिस के 217 रोगियों पर किए गए एक क्लीनिकल अध्ययन के अनुसार‚ होम्योपैथी प्राप्त करने वाले रोगियों के प्लेसगो प्राप्त करने वाले रोगियों की तुलना में खांसी के कम दिन थे।
"हमने एक साल पहले अपने बेटे के लिए डा बत्राज का इलाज शुरू किया था। एक साल से भी कम समय में‚ उसकी ब्रोंकाइटिस बहुत बेहतर हो गई है और वह कम बीमार पड़ रहा हैं। "
- रोगी के पिता श्री स्वप्निल गोर‚ मुंबई
होम्योपैथी और एलर्जी राइनाइटिस:
एलर्जी राइनाइटिस या नाक की एलर्जी की स्थिति में छींकने‚ पानी आँखें, नाक की खुजली और/या जकडन और बहती नाक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ये लक्षण तब होते हैं जब कोई व्यक्ति धूल‚ पालतू जानवरों की रूसी और कुछ मौसमी प्रदूषण जैसी एलर्जी के संपर्क में आता है। एलर्जिक राइनाइटिस आपके जीवन की गुणवत्ता को काफी प्रभावित कर सकता है और इसलिए इसका इलाज करना बहुत आवश्यक है।
होम्योपैथी में एलर्जिक राइनाइटिस उपचार एक प्रभावी चिकित्सा विकल्प है जो इससे प्रभावित रोगियों को महत्वपूर्ण राहत देता है।
जर्मनी में एलर्जिक राइनाइटिस वाले 201 रोगियों पर किए गए एक क्लीनिकल अध्ययन के अनुसार‚ एलर्जिक राइनाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवा प्राप्त करने वाले रोगियों के समूह में प्लेसगो के मरीजों की तुलना में बुखार के लक्षण कम पाये गये। यह उपचार पराग के मौसम के दौरान आयोजित किया गया था।
"मुझे एलर्जी की गंभीर समस्या थी। डा बत्राज के इलाज के बाद‚ मैं सुधार महसूस कर सकती हूं। "
- सुश्री मनिका बनर्जी‚ कोलकाता
श्वास संबंधी उपचार के लिए होम्योपैथी की प्रभावकारिता पर टिप्पणी करते हुए पद्मश्री प्राप्तकर्ता और डा बत्राज ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक‚ डॉ. मुकेश बत्रा ने कहा‚ "मेरे 45 वर्षों के अभ्यास में‚ मैंने बहुत से ऐसे लोगों को सांस के लक्षणों से पीड़ित देखा है जिनका इलाज होम्योपैथी में आराम से हो सकता है जोकि और प्रभावी है। मैंने होम्योपैथी को इन बीमारियों से लंबे समय तक राहत प्रदान करते देखा है। "
डा बत्राज के नवीनतम नवाचारों में से एक होम्योपैथिक उपचार में आनुवंशिकी का उपयोग किया गया है। यह विशेष रूप से डॉक्टरों को एलर्जी राइनाइटिस‚ अस्थमा और ब्रोंकाइटिस सहित वंशानुगत बीमारियों की सुरक्षित और सटीक आकलन करने में मदद करता है‚ साथ ही साथ बच्चों के विकास में बाधक पोषण संबंधी कमियों की भी भविष्यवाणी करता है। डा बत्राज की जेनो होम्योपैथी के लिए जेनेटिक टेस्ट में एक सरल और दर्द रहित लार परीक्षण होता है जो बीमारी के प्रकट होने से पहले ही एक चिकित्सा समस्या की गंभीरता का आकलन कर सकता है। होम्योपैथिक दवाओं के साथ जेनेटिक टेस्ट के अध्ययन को जोड़कर‚ हमने उपचार के परिणामों में 93 प्रतिशत से 97 प्रतिशत तक सुधार देखा है। पिछले 30 वर्षों में‚ डा बत्राज ने अकेले सांस की बीमारियों के लिए 30‚000 से अधिक रोगियों का इलाज किया है।
सांस की बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए डा बत्राज के क्लीनिक में डा बत्राज की एक विशेष पेशकश चल रही है। किसी भी श्वसन रोग के लिए जेनो होम्योपैथी उपचार 20 प्रतिशत की छूट पर उपलब्ध होगा। ऑफर का लाभ उठाने के लिए अपने निकटतम डा बत्राज के क्लिनिक पर जाएं या आज 9167791677 पर कॉल करें। ऑफर केवल 31 जनवरी 2020 तक वैध है।
- https://www.britishhomeopathic.org/evidence/research-papers/
- https://www.downtoearth.org.in/news/health/one-in-10-asthma-patients-in-the-world-are-in-india-60376
डॉ बत्राज होम्योपैथी क्लीनिक के बारे में:
भारत, यूके, यूएई, बहरीन और बांग्लादेश में लगभग 225 क्लीनिकों के साथ डॉ बत्राज की मल्टी-स्पेशलिटी होम्योपैथी क्लीनिक होम्योपैथिक क्लीनिकों की दुनिया की सबसे बड़ी श्रृंखला है। दुनिया भर में काम करने वाले और लगभग 15 लाख रोगियों का इलाज करने वाले लगभग 400 होम्योपैथिक डॉक्टरों के साथ, हाल ही में द इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा आयोजित आइकॉनिक ब्रांड ऑफ इंडिया अवाड्र्स 2018 में 'आईकोन आ̆फ इन्डेजिनस एक्सीलैंस इन हेल्थकेयर' से सम्मानित किया।
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