मास्टरकार्ड ने 6500 करोड़ रुपये (1 अरब डॉलर) के निवेश के साथ डिजिटल इंडिया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को किया और मजबूत
नई दिल्ली, July 26, 2018 /PRNewswire/ --
यह निवेश कंपनी द्वारा अर्जित किए गए राजस्व से बहुत अधिक है
सबसे सस्ता नेटवर्क होने के कारण आगे भी डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के भारत के प्रयासों को आगे बढ़ाया जाएगा
मास्टरकार्ड पिछले 36 वर्षों से अधिक समय से भारतीय अर्थव्यवस्था में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है और भारत में सुरक्षित और सुनिश्चित इलेक्ट्रॉनिक भुगतान करने के लिए तकनीकी, आधारभूत संरचना और विशेषज्ञता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह डिजिटल इंडिया एजेंडा के लिए भी प्रतिबद्ध है। परिणामस्वरूप व्यापारियों के पास कम लागत पर ग्राहकों के लिए विकल्प, सुविधा और सुरक्षा उपलब्ध कराई है।
स्थानीय निवेश के अपने मॉडल के लिए प्रतिबद्ध, मास्टरकार्ड भारत में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 2014 से 2019 के बीच लगभग 6,500 करोड़ रुपये (1 अरब डॉलर) का निवेश करेगा।
2014 में शुरू हुए स्थानीय निवेश में दो प्रमुख अधिग्रहण शामिल हैं, पहला बेंगलुरू और गुरुग्राम में नए कार्यालय और दूसरा पुणे में मास्टरकार्ड इनोवेशन लैब्स और वैश्विक संचालन केंद्र। अभी हाल ही में, कंपनी ने वडोदरा में एक प्रौद्योगिकी केंद्र खोला है, जहां इंजीनियर्स और डाटा वैज्ञानिक मोबाइल टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा के लिए टूल्स और सॉफ्टवेयर विकसित करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 2013 से अब तक, मास्टरकार्ड ने भारत के अपने कर्मचारियों की संख्या 29 से बढ़ाकर लगभग 2,000 तक कर ली है, जो मास्टरकार्ड की वैश्विक कर्मचारियों का 14 प्रतिशत है, और यह अमेरिका के बाहर सबसे बड़ी संख्या है।
दीर्घकालिक रोजगार में वृद्धि के साथ ही, यह स्थानीय निवेश मॉडल मास्टरकार्ड को सबसे अधिक लागत प्रभावी नेटवर्क बनाते में योगदान करता है। इसने नकदी को डिजिटल लेनदेन में बदलने के भारत के अभियान को आगे बढ़ाने में मदद की है।
- डेबिट कार्ड एटीएम निकासी (भारत में सभी डेबिट लेनदेन का 70 प्रतिशत) के लिए, मास्टरकार्ड सभी प्रतिस्पर्धियों से 75 प्रतिशत सस्ता है।
- 200 रुपये से कम के डेबिट कार्ड लेनदेन के लिए, जो पारगमन और छोटी किराने की खरीद के प्रसार के कारण एक महत्वपूर्ण मूल्य बिंदु है, मास्टरकार्ड की प्रतिस्पर्धा की तुलना में बहुत कम लागत है।
पौरुष सिंह, कंट्री कॉरपोरेट ऑफिसर, इंडिया एवं डिविजन प्रेसिडेंट, साउथ एशिया, मास्टरकार्ड ने कहा, "हम लेस-कैश समाज के रूप में भारत को स्थापना करने की दिशा में सरकार का मजबूती के साथ समर्थन करते हैं और इस दिशा में लगातार निवेश कर रहे हैं।"
पौरुष ने कहा, "डेबिट कार्ड लेनदेन में 80-85 प्रतिशत शुल्क वित्तीय संस्थानों और भारत में स्थित अन्य प्रोसेसर्स को उनकी सर्विस के लिए दिया जाता है और यह पूरी तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था में ही रहता है। केवल 15-20 प्रतिशत हिस्सा ही मास्टरकार्ड को अपनी नेटवर्क सर्विस प्रदान करने के रूप में मिलेंगे। यह 100 रुपए के लेनदेन पर 12 से 15 पैसे के बीच होता है। हम पूरी तरह से भारत के भविष्य के लिए प्रतिबद्धता के साथ खड़े हैं। हम दृढ़ता से मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की सफलता मास्टरकार्ड की सफलता है।"
मास्टरकार्ड के बारे में
मास्टरकार्ड (NYSE: MA), http://www.mastercard.com, वैश्विक भुगतान उद्योग की एक तकनीकी कंपनी है। हमारा वैश्विक पेमेंट प्रोसेसिेंग नेटवर्क 210 से अधिक देशों और क्षेत्रों में उपभोक्ताओं, वित्तीय संस्थानों, व्यापारियों, सरकारों और व्यवसायों को आपस में जोड़ता है। मास्टरकार्ड के प्रोडक्ट और सॉल्यूशन रोजमर्रा की वाणिज्यिक गतिविधियों जैसे शॉपिंग, यात्रा, व्यवसाय चलाने और वित्त प्रबंधन को और भी अधिक आसान, सुरक्षित और हर किसी के लिए अधिक कुशल बनाती हैं। ट्विटर पर @mastercardindia से जुड़ें और Beyond the Transaction Blog पर चर्चा के लिए साथ आएं और Engagement Bureau से जुड़ी ताजा खबरों के लिए subscribe करें।
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