Times Higher Education Asia Universities Summit 2018 में विचार व्यक्त करने के लिए भारतीय यूनिवर्सिटी को आमंत्रित किया गया
सोनीपत, भारत, February 9, 2018 /PRNewswire/ --
O.P. Jindal Global University के वाइस चांसलर, सम्मेलन (समिट) को सम्बोधित करने वाले 25 VC में शामिल
O.P. Jindal Global University (JGU) ने Times Higher Education (THE) Asia Universities Summit 2018 में भाग लिया है जिसे Southern University of Science and Technology (SUSTech) की साझेदारी में 5-7 फरवरी 2018 के दौरान शेनझेन, चीन में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन (समिट) में भाग लेने के लिए आमंत्रित JGU एकमात्र भारतीय यूनिवर्सिटी रही। प्रोफेसर (Dr.) C. Raj Kumar, संस्थापक वाइस चांसलर, JGU दुनिया भर से उन 25 वाइस चांसलरों में शामिल हुए, जिन्होंने इस सम्मेलन में अपने सम्बोधन प्रस्तुत किए।
इस सम्मेलन में एशिया की सर्वोत्तम यूनिवर्सिटीज से 400 से अधिक प्रतिनिधि, शीर्षस्तरीय शोधकर्ता, उच्च शिक्षा के लीडर्स, नीतिनिर्माता, और औद्योगिक प्रतिनिधिगण शामिल हुए।
प्रोफेसर Raj Kumar, जो कि Rhodes के स्कॉलर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और Harvard Law School के पूर्व छात्र रहे हैं, इस विशेष कार्यक्रम में विचार व्यक्त करने के लिए भारत से आमंत्रित एकमात्र अध्येता और वाइस चांसलर थे। JGU के प्रतिनिधिमंडल में Dr. Sanjeev P. Sahni, प्रोफेसर और प्रिंसिपल डायरेक्टर, Jindal Institute of Behavioural Sciences; Arjya Majumdar, एसोसिएट प्रोफेसर और डायरेक्टर, Office of Academic Planning, Co-ordination and Interdisciplinarity; Wenjuan Zhang, Associate Professor, Assistant Dean-International Collaborations and Executive Director-Centre for India-China Studies; और Ms. Pragnya Paramita Mohanty, मैनेजर-इंस्टीट्यूशनल रिसर्च, International Institute for Higher Education Research and Capacity Building JGU आदि शामिल थे।
इस वर्ष का सम्मेलन 'Connecting Cities, Changing the World: Research Universities Building Asia' थीम पर आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में - यूनिवर्सिटी और शहर-गठबंधनों का सृजन, क्षेत्रों का निर्धारण; वैश्विक शोध और शिक्षा-रूझान, अवसर और चुनौतियां; यूनिवर्सिटी गठबंधन - क्षेत्रीय सुदृढ़ताओं का निर्धारण करने वाले शोध परिणाम; राष्ट्रीय नवप्रवर्तन - विश्वविद्यालय उत्प्रेरक और संपर्क कराने वालों के रूप में; साझेदारी की शक्ति: नवप्रवर्तन अर्थव्यवस्था में वैश्विक शोध विश्वविद्यालयों की भूमिका; चौथी औद्योगिक क्रांति और उच्च शिक्षा-उद्यमिता को प्रोत्साहन, भविष्य हेतु मार्गदर्शन; और अंतरालों को दूर करते हुए-वैश्विक ज्ञान अर्थव्यवस्था में शोध विश्वविद्यालय, आदि विषयों पर फोकस किया गया।
प्रोफेसर Raj Kumar ने 'सीमाओं के पार जाते हुए - 21वीं शताब्दी में शोध विश्वविद्यालय' विषय पर एक पैनल को सम्बोधित किया जिसमें ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के विकास में यूनिवर्सिटी रिसर्च की महत्त्वपूर्ण भूमिका, और क्षेत्रीय व वैश्विक गठबंधनों की राह की रूकावटें दूर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीयकरण रणनीतियों का महत्त्व पर विचार-विमर्श किया गया।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रो. Raj Kumar ने कहा कि, "समाजों के विकास में विश्वविद्यालयों को बड़ी भूमिका निभानी होती है। उनको लीडरशिप की ऐसी जिम्मेदारी स्वीकार करनी होती है जो राष्ट्रीय सीमाओं से परे हो और सभी प्रकार तथा स्वरूपों में विविधता और बहुलवाद को प्रोत्साहित करती हो। विश्वविद्यालयों को, समाज में अपनी विशेष भूमिका को समझना होगा।"
उन्होंने आगे बताया कि, "जहां समाज अधिक निकटदर्शी हुए हैं, वहीं जनमत को प्रभावित करने के लिए दृष्टिकोण साझा करना शिक्षाविदों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है।" मूल्यों से जुड़ी चुनौतियों के मामले में राजनैतिक नेताओं को चुनौती देने के प्रश्न पर उत्तर देते हुए प्रोफेसर Kumar ने कहा कि जहां VC की सामाजिक सहभागिता अधिक महत्त्वपूर्ण मानी जाती है, वहीं निष्ठावान पक्षसमर्थन यूनिवर्सिटीज को दृष्टिकोण रखने के कर्तव्य से सशक्त बनाता है। किसी भी यूनिवर्सिटी के लिए अकादमिक स्वतंत्रता का केंद्रीय महत्त्व है, लेकिन हर प्रकार की स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है। उन्होंने यह भी कहा कि सत्य की खोज में यूनिवर्सिटीज को प्रहरी की भूमिका निभानी चाहिए और साक्ष्य आधारित सत्य को बढ़ावा देना चाहिए - जो कि 21वीं शताब्दी में विज्ञान और सामाजिक विज्ञानों द्वारा निभाई जाने वाली प्रमुख भूमिका है।
अंतर्राष्ट्रीयकरण के बारे में एक अन्य प्रश्न पर प्रोफेसर Kumar ने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया, "JGU अंतर्राष्ट्रीयकरण का एक अप्रतिम उदाहरण है। दुनिया भर में यूनिवर्सिटीज से स्थायी गठबंधन विकसित करते हुए यह अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए गहराई से तत्पर है। यूनिवर्सिटीज को ऐसी साझेदारियां करनी होंगी और इन गठबंधनों के माध्यम से हम वैश्विक समझ और शैक्षिक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।"
यूनिवर्सिटी की रैकिंग के बारे में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रोफेसर Kumar ने कहा कि, "मैं दृढ़ता से विश्वास करता हूं कि गुणवत्ता और उत्कृष्टता के संब्रध में यूनिवर्सिटीज को खुद को बेंचमार्क करने का अवसर दिलाने के मामले में यूनिवर्सिटी रैंकिंग महत्त्वपूर्ण है। रैंकिंग से यूनिवर्सिटीज को ज्ञान आधारित समाज के विकास हेतु नई संस्थागत परिकल्पनाएं विकसित करने के तरीके खोजने के लिए अपने विज़न और मिशन को नया रूप देने में मदद मिलती है।"
इस अंतर्राष्ट्रीय फोरम में एशिया की सर्वोत्तम यूनिवर्सिटीज से सीनियर लीडर, शीर्षस्तरीय शोधकर्ता, नीतिनिर्माता, और औद्योगिक प्रतिनिधिगण, तथा उच्च शिक्षा और सरकारी क्षेत्रों से जुड़े प्रतिनिधियों की भागीदारी रही।
विश्वस्तरीय यूनिवर्सिटी बनने की दिशा में भारतीय यूनिवर्सिटीज द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों को समझने के लिहाज से भी यह सम्मेलन एक महत्त्वपूर्ण प्लेटफार्म रहा।
सम्मेलन के साथ ही 2018 Asia Universities Rankings के परिणाम भी घोषित किए गए। बेस्ट यूनिवर्सिटी की रैंकिंग हासिल करते हुए सिंगापुर की नेशनल यूनिवर्सिटी ने लगातार तीसरे साल टॉप किया। Times Higher Education (THE) ने आकलन किया कि उनका यह निरंतर प्रदर्शन, 'शिक्षण और शोध परिवेश में सुधार, उच्च उद्धरण/साइटेशन प्रभाव प्राप्त करने और उच्चस्तरीय औद्योगिक आय प्राप्त करने' का परिणाम है। Tsinghua यूनिवर्सिटी, Peking यूनिवर्सिटी को पीछे छोड़कर पहली बार रैंकिंग में शीर्ष चीनी संस्थान बन गया। THE के अनुसार, 'Tsinghua का पब्लिकेशन आउटपुट Peking से काफी अधिक रहा है और इसके प्रतियोगी Beijing की तुलना में इसकी शोध आय अधिक तेज़ गति से बढ़ी है। चीन में 63 यूनिवर्सिटी इस रैंकिंग में शामिल हुईं, जिनमें अनेक ऐसे संस्थानों ने इस साल अच्छी प्रगति की जिनकी रैंकिंग पहले कम रही थी। 89 यूनिवर्सिटीज के साथ जापान की भागीदारी सबसे अधिक है। इस रैंकिंग में भारत के कुल 42 संस्थान शामिल हैं, जिसमें Indian Institute of Science के सूची में 29वें स्थान
पर है।
O.P. Jindal Global University के बारे में
O.P. Jindal Global University (JGU) हरियाणा सरकार द्वारा स्थापित और University Grants Commission (UGC) द्वारा मान्यताप्राप्त एक अलाभकारी global university है। JGU को इसके संस्थापक चांसलर Mr. Naveen Jindal द्वारा उनके पिता स्व., Mr. O.P. Jindal की स्मृति में एक मानवतावादी प्रयास के रूप में स्थापित किया गया। JGU को National Accreditation & Assessment Council (NAAC) द्वारा सर्वोच्च रेटिंग ग्रेड 'A' प्रदान किया
गया है। JGU एशिया की ऐसी चुनिंदा यूनिवर्सिटी में से एक है जिन्होंने 1:13 फैकल्टी-छात्र अनुपात बनाए रखा है और भारत तथा विश्व के विभिन्न भागों से असाधारण शैक्षणिक योग्यताओं और अनुभवों वाले फैकल्टी सदस्यों को नियुक्त किया है। JGU एक शोध केंद्रित यूनिवर्सिटी है, जो अंतरअनुशासन और नवप्रवर्तक शिक्षणविधि; बहुलतावाद और अध्यवसायी अध्येतावृत्ति; और वैश्विक सोच तथा अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के अपने मूलभूत संस्थागत मूल्यों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
JGU ने आठ स्कूल स्थापित किए हैं: Jindal Global Law School (JGLS), Jindal Global Business School (JGBS), Jindal School of International Affairs (JSIA), Jindal School of Government and Public Policy (JSGP), Jindal School of Liberal Arts & Humanities (JSLH), Jindal School of Journalism & Communication (JSJC), Jindal School of Art & Architecture (JSAA) और Jindal School of Banking & Finance (JSBF).
अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें - http://www.jgu.edu.in/
मीडिया संपर्क:
Devadeep Konwar
[email protected]
+91-7027850344
Assistant Director
Communication and Public Affairs
O.P. Jindal Global University
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