Jindal Global University ने विश्ववाद के युग में आध्यात्मिकता पर विचार-विमर्श का आयोजन किया
सोनीपत, भारत, January 29, 2018 /PRNewswire/ --
O.P. Jindal Global University (JGU) और Center for Ethics, Spirituality and Sustainability ने 23-24 जनवरी, 2018 को 'विश्ववाद (ग्लोबलिटी) के दौर में आध्यात्मिकता, रहस्यवाद, और राजनीति' शीर्षक से वैकल्पिक दृष्टिकोणों और वैश्विक सरोकारों पर दो दिवसीय 15वीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेन्स का आयोजन किया।
यह कॉन्फ्रेन्स, JGU के Jindal Institute of Behavioural Sciences (JIBS) के तत्वाधान में आयोजित की गई।
उद्घाटन सत्र में वक्ताओं के प्रतिष्ठित पैनल की भागीदारी रही, जिसमें Ms. Mariela Cruz, भाारत में कोस्टा रिका की राजदूत; प्रोफेसर Mahmoud Masaeli, प्रेसिडेंट, Alternative Perspective and Global Concern; Swami Agnivesh, Swami Om Poorna Swatantra और Dr. Madnesh Kumar Mishra, संयुक्त सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय प्रमुख थे।
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए JGU के संस्थापक वाइस चांसलर प्रोफेसर (Dr.) C Raj Kumar ने उभरते वैश्विक वातावरण में आध्यात्मिकता के विचार पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "इस दौर में आध्यात्मिकता पर विचार करना महत्त्वपूर्ण है, जो कि लंबे समय से बहस का एक विषय रहा है। वैश्वीकरण की घटना संस्कृति, पहचान और राजनीति के संदर्भ में नए आध्यात्मिक नजरिए और संभावनाएं प्रकट करती है। ऐसे समय में ये बहुत महत्त्वपूर्ण सूचक हैं जब हम अपने विद्यार्थियों को वैश्विक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। JGU में आने वाली युवा प्रतिभाएं, विविध देशों से संबंधित हैं। इस विविधता पर हमें गर्व है जो 20 विभिन्न देशों के फैकल्टी और विद्यार्थियों के रूप में देखी जा सकती है।"
दो दिवसीय सत्रों में प्रतिभागियों ने अध्यात्मवाद और धर्म व राजनीति पर उसके प्रभाव पर विविध विचारों व दृष्टिकोणों को प्रस्तुत करते हुए विमर्श किया।
Dr. Sanjeev P Sahni, प्रिंसिपल डायरेक्टर, JIBS, ने उल्लेख किया कि व्यक्ति को मार्गदर्शक शक्ति के रूप में धर्म का प्रश्रय लेने के बजाय आध्यात्मिकता का अनुसरण करने के मार्ग खोजने चाहिए। उन्होंने कहा कि, "इस बारे में हमें वैकल्पिक दृष्टिकोण चाहिए। आध्यात्मिकता, धर्म से भिन्न है। World Health Organization (WHO) ने स्वास्थ्य की जो अवधारणा निर्धारित की है, उसमें न केवल शारीरिक, सांस्कृतिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक पहलू, बल्कि आध्यात्मिक पक्ष भी सम्मिलित है। केवल बीमारी की अनुपस्थिति ही स्वास्थ्य नहीं है।"
जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता Swami Agnivesh ने आध्यात्मिकता के सार पर प्रकाश डाला जो धर्म से भिन्न है। उन्होंने कहा कि, "अध्यात्मवाद को धर्म से जोड़ना, हम सबके लिए चिंता का एक विषय बना हुआ है। यह वह संकट है जिसका हम सामना कर रहे हैं। धर्म को आध्यात्मिकता समझने की गलती न करें। हम धर्म का अनुसरण किए बिना अध्यात्मवाद के मार्ग पर चल सकते हैं।"
आगे स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि, "भारत जैसे देश में जहां निर्धनता एक प्रमुख समस्या है, वहां आध्यात्मिकता ही हमें वह मूल प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करती है कि क्यों एक निर्धन व्यक्ति के पास पर्याप्त खाने को नहीं है? मानव विकास सूचकांक में, भारत काफी पीछे है। हमें आध्यात्मिक दृष्टिकोण के साथ आगे आना होगा जो पूरे राष्ट्र के लिए विज़न दस्तावेज़ बन सकता है।"
उन्होंने आगे कहा कि, "हमारी आगामी पीढ़ियों को रचनात्मक भविष्य देने का वक्त आ गया है और जितनी जल्दी हम राजनीति में अध्यात्मवाद का पर्याप्त समावेश कर सकें, यह हमारे भविष्य के लिए उतना ही बेहतर होगा।"
Ms. Mariela Cruz, भारत में कोस्टा रिका की राजदूत ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि, "मेरे लिए सक्रियता ही अध्यात्मवाद है। राजनीति और व्यवस्थाएं गिरावट की ओर हैं। यदि हमें युवा पीढ़ी को सशक्त और प्रोत्साहित करना है, तो आध्यात्मिकता का पोषण करना होगा।"
कोस्टा रिका एक बहुत विविधतापूर्ण और आध्यात्मिकता से समृद्ध देश है जहां स्थानीय और स्वदेशी संस्कृति, पारिस्थितिकी से तालमेल में फलती-फूलती है।
Dr. Madnesh Kumar Mishra, संयुक्त सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, "वैश्विक उथल-पुथल के तीन कारण हैं-ईश्वर, धन, और लालच, और ये सभी परस्पर जुड़े हैं। अब, नैतिक पतन, शारीरिक पतन से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण है। आंतरिक उथल-पुथल बाहरी उथल-पुथल के रूप में अभिव्यक्त होती है। यदि आप अंदर से शांतिपूर्ण हैं, तो आप बाहर भी शांति से रह सकते हैं।"
प्रोफेसर (Dr.) Mahmoud Masaeli, प्रेसिडेंट, Alternative Perspective and Global Concern, ने कहा कि: "राजनीति, सौदेबाजी की कला बन गई है और इसका परिणाम त्रासदीपूर्ण है। भारत विविध धर्मों के बीच शांतिपूर्वक सामंजस्य बैठाए रखने में सक्षम रहा है और अहिंसा की सोच कायम रखी है।"
Swami Om Poorna Swatantra, संस्थापक, Jaivic, Organic Lifestyle, ने कहा कि अध्यात्मवाद अपनाए बिना, विश्व का रूपांतरण करने की बात कोई सोच भी नहीं सकता। "सदियों पहले प्राचीन समय में, हमारे भारतीय ऋषिगणों, आध्यात्मिक गुरूओं ने 'वसुधैव कुटुंबकम' के रूप में मानव संगठन का सूत्र प्रदान किया था, जिसका अर्थ है कि विश्व हमारा परिवार है और पृथ्वी हमारा घर है। यह जीवन और जगत की जैविक संरचना है लेकिन इसे फिर से शुद्ध बनाने के लिए हमें लंबा रास्ता तय करना होगा। अब, यह आर-पार का फैसला करने वाला निर्णायक दौर है। अध्यात्मवाद अपनाकर ब्रह्मांड से खुद को जोड़ते हुए हम खुद को नई ऊर्जा से भर सकते हैं," ऐसा Swami Om Poorna Swatantra ने आगे बताया।
कॉन्फ्रेन्स के वक्ता इस पर एकमत थे कि अध्यात्मवाद जैसे वैकल्पिक दृष्टिकोण रहस्यवाद और राजनीति से एकीकृत करने होंगे। उन्होंने अनुभव किया कि इस तीव्र प्रगतिशील युग में जहां मोबाइल और इंटरनेट ने लोगों, विशेषकर युवाओं की विचार प्रक्रियाओं पर कब्जा जमा लिया है, वहीं अब आपसी संपर्क शिक्षकों, परिवारों और मित्रों तक ही सीमित नहीं रह गए हैं।
उनका दृष्टिकोण था कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को अध्यात्मवाद की सकारात्मक सोच से ओत-प्रोत करने तथा हमारे दैनिक जीवन में इसका प्रभाव स्पष्ट करने के लिए केंद्रित रूप से प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
O.P. Jindal Global University के बारे में
O.P. Jindal Global University (JGU) हरियाणा सरकार द्वारा स्थापित और University Grants Commission (UGC) द्वारा मान्यताप्राप्त एक अलाभकारी global university है। JGU को इसके संस्थापक चांसलर Mr. Naveen Jindal द्वारा उनके पिता स्व., Mr. O.P. Jindal की स्मृति में एक मानवतावादी प्रयास के रूप में स्थापित किया गया। JGU को National Accreditation & Assessment Council (NAAC) द्वारा सर्वोच्च रेटिंग ग्रेड 'A' प्रदान किया
गया है।
JGU एशिया की ऐसी चुनिंदा यूनिवर्सिटी में से एक है जिन्होंने 1:13 फैकल्टी-छात्र अनुपात बनाए रखा है और भारत तथा विश्व के विभिन्न भागों से असाधारण शैक्षणिक योग्यताओं और अनुभवों वाले फैकल्टी सदस्यों को नियुक्त किया है। JGU एक शोध केंद्रित यूनिवर्सिटी है, जो अंतरअनुशासन और नवप्रवर्तक शिक्षणविधि; बहुलतावाद और अध्यवसायी अध्येतावृत्ति; और वैश्विक सोच तथा अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के अपने मूलभूत संस्थागत मूल्यों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
JGU ने आठ स्कूल स्थापित किए हैं: Jindal Global Law School (JGLS), Jindal Global Business School (JGBS), Jindal School of International Affairs (JSIA), Jindal School of Government and Public Policy (JSGP), Jindal School of Liberal Arts & Humanities (JSLH), Jindal School of Journalism & Communication (JSJC), Jindal School of Art & Architecture (JSAA) और Jindal School of Banking & Finance (JSBF).
अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें - http://www.jgu.edu.in/
मीडिया संपर्क:
Devadeep Konwar
[email protected]
+91-7027850344
Assistant Director, Communication and Public Affairs
O.P. Jindal Global University
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