मुम्बई, October 19, 2015 /PRNewswire/ --
परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम 2010 (सीएलएनडी) के बारे में व्यक्त की गई चिंताओं को 'गलत' और 'अनावश्यक' बताते हुए, केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने आज यह कहा कि वास्तव में यह अधिनियम देश के हित में है।
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जितेन्द्र सिंह, जो कि प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री हैं, न भारतीय परमाणु ऊर्जा सम्मेलन में कहा कि "मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि सीएलएनडी के बारे में व्यक्त की जाने वाली चिंताएं गलत और अनावश्यक हैं। यह न केवल विदेशी निवेशकों के हित में है बल्कि यह भारत के हितों में भी है तथा किसी को भी इसके बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।"
सीएलएनडी अधिनियम (2010) में वे खण्ड जिनसे ऑपरेटर को राइट टू रिकोर्स तथा दुर्घटना की स्थिति में आपूर्तिकर्ताओं के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने की अनुमति दी गई है, उन्हें परमाणु उद्योग के विकास के मार्ग में प्रमुख बाधा रूप में देखा जा रहा था।
उन्होने कहा कि इन चिंताओं का समाधान करने के लिए सरकार ने 1500/- करोड़ रुपये का एक बीमा पूल प्रारम्भ किया है, जो कि सीएनएलडी के अंतर्गत अनिवार्य है ताकि विदेशी परमाणु आपूर्तिकर्ताओं के वित्तीय भार को दूर किया जा सके।
उन्होने कहा कि, "जिस तरह का फोलो अप सरकार ने परमाणु बीमा पूल के जरिए किया है, वह ऑपरेटरों के हित में है। इस तंत्र के माध्यम से उनकी चिंताओं पर ध्यान दिया जा रहा है।
"इसलिए, यह न केवल विदेशी ऑपरेटरों के हित में है, बल्कि हमारे हित में भी है कि उन्हें सुरक्षित किया जाए। इसलिए, यह एक बार पुन: आश्वासन है यदि कोई (ऑपरेटर) यह कहता है कि सरकार ने विदेशी निवेशकों की चिंता का पर्याप्त समाधान नहीं किया है।"
1500/- करोड़ रुपये के पूल के अंतर्गत, जिसे जनरल इंश्योरेंस कारपोरेशन ऑफ इंडिया (जीआईसी रे) और 11 साधारण बीमा बीमाकर्ताओं जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र की न्यू इंडिया, ओरिएंटल इंश्योरेंस, नैशनल इंश्योरेंस तथा यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस के साथ-साथ निजी बीमा कंपनियां भी शामिल हैं, द्वारा सेट किया गया है, के अंतर्गत ऑफर की जाने वाली पॉलिसियों में परमाणु ऑपरेटर देयता बीमा पॉलिसी तथा परमाणु आपूर्तिकर्ता विशेष आकस्मिकता (राइट टू रिकोर्स के विरूद्ध) बीमा पॉलिसी होंगी।
यूबीएम इंडिया के बारे में:
यूबीएम इंडिया भारत में अग्रणी प्रदर्शनी व्यवस्थापक है जिसके द्वारा उद्योगों को ऐसे मंच उपलब्ध कराए जाते हैं जहां पर पूरी दुनिया से क्रेता और विक्रेता एक दूसरे से मेलजोल करते हैं, जिसमें अनेक प्रदर्शनियों का आयोजन करना, विषय वस्तु आधारित सम्मेलन और सेमिनार शामिल हैं। यूबीएम इंडिया द्वारा हर वर्ष 25 बड़े पैमाने पर प्रदर्शनियां तथा पूरे देश में 40 सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है; जिसके अनेक उद्योगों के बीच में व्यापार संभव हो पाता है। यूबीएम इंडिया जो कि यूबीएम एशिया कम्पनी का हिस्सा है, के मुम्बई, नई दिल्ली, बैंगलोर तथा चेन्नई में कार्यालय स्थित हैं। यूबीएम एशिया का स्वामित्व यूबीएम पीएलसी द्वारा धारित किया जाता है जो कि लंदन स्टाक एक्सचेंज में एक सूचीबद्ध कम्पनी है। यूबीएम एशिया, पूरे एशिया में अग्रणी प्रदर्शनी आयोजक है तथा मेनलैण्ड चीन, भारत और मलेशिया में सबसे बड़ी वाणिज्यिक आर्गेनाइज़र कम्पनी है। अधिक ब्यौरे के लिए http://www.ubmindia.in को देखें।
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यूबीएम इंडिया प्राईवेट लिमिटेड
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