नई दिल्ली, October 1, 2015 /PRNewswire/ --
प्रोफेशनल दुनिया में कुकिंग का मतलब केवल स्वाद और खुशबू ही नहीं होता, यह बात सात युवा शेफों को तब समझ में आई जब उन्होंने 18 सितम्बर, 2015 को यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट लंदन में t2 के सहयोग से आयोजित आईआईएचएम-यंग शेफ इंडिया स्कूल्स 2015 के फाइनल में हिस्सेदारी की।
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कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए आयोजित कुकिंग प्रतियोगिता में अहमदाबाद के महाराजा अग्रसेन विद्यालय की वेदिका करीवाला विजेता रहीं। "अपनी प्लेट में ढेर सारी पाककलाएं और तकनीकें दिखाकर" उन्होंने यह जीत दर्ज की। स्वाद के अलावा कुकिंग की खूबियों में डिश की बनावट, दिखावट, एकरूपता, दबाव में भी एकाग्र और शांत बने रहने की क्षमता, तथा वर्कस्टेशन को साफ-सुथरा रखना आदि चीजें शामिल हैं।' यह 5 जजों के पैनल का मत था, जिसमें 3 लंदन के जाने-माने भारतीय शेफ शामिल थे।
एल.एन. मित्तल के घर से कुछ दूरी पर नॉटिंग हिल में चक्र रेस्टोरेंट के मालिक एंडी वर्मा, परिवार द्वारा संचालित ब्रिलियंट रेस्टोरेन्ट की शेफ दीपना आनंद, तथा दक्षिणी ग्लॉसेस्टरशायर में रूमी'ज किचन के शेफ रूमी गिल, और लियाम स्टीवेन्सन, मास्टर ऑफ वाइन, तथा प्रोफेसर डेविड फॉस्केट शामिल थे जो कि यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट लंदन में लंदन स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड मैनेजमेन्ट के हेड हैं, ये लोग निर्णायकों में शामिल थे।
तो 17 साल की वेदिका को दिल्ली, कलकत्ता, पुणे, बंगलौर, हैदराबाद और जयपुर के बाकी छह फाइनलिस्टों में से विजेता क्यों चुना गया? विकास खन्ना की प्रशंसक वेदिका करीवाला ने बताया कि, "मैंने अपने संघटकों को अलग तरीके से इस्तेमाल किया। मैंने अपनी कड़ाही को भारतीय मसाले डालकर गर्म किया जिसके बारे में एक जज ने कहा कि उसने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। इसके अलावा, मैंने शतावर पर पफ पेस्ट्री लपेटी, जिससे यह कुरकुरी बन गई।"
"कुछ विद्यार्थियों ने आसान चीज़ें पकाईं जो स्वादिष्ट थीं लेकिन इस स्तर की प्रतियोगिता में आपको कुछ खास करके दिखाना होता है। रचनाशीलता के लिए बीस प्वॉइंट थे।" यह आईआईएचएम (इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेन्ट) के मेन्टर और क्युलिनरी डायरेक्टर शौन केनवर्थी ने बताया।
फाइनल से पहले प्रतियोगियों को एलिंग होटल में इकट्ठा किया गया, वेदिका ने एक साथी प्रतियोगी से अपने आइडियों पर बात की और पाया कि वे दोनों एक जैसे व्यंजन ही बनाने जा रहे हैं! वेदिका ने बताया, "हम दोनों एक ही जूचिनी बोर्ड का और एक जैसी ग्रेवी का इस्तेमाल कर रहे थे, इसलिए हमने मिलकर कुछ चीज़ों में बदलाव करना तय किया। उसने जूचिनी की आकृति बदलकर अपनी प्लेटिंग स्टाइल में बदलाव किया और मैंने अपनी ग्रेवी बदल दी।" अगर जज यह जान जाते, तो शायद वे शेफ के सबसे बड़े गुण-सुधार करने की कला के लिए वेदिका को ब्राउनी प्वॉइंट्स देते।
अपने 5वें वर्ष में इस यंग शेफ प्रतियोगिता का प्रारूप काफी चुनौतीभरा रहा। हर फाइनलिस्ट को 16 संघटकों की सूची दी गई थी जिनमें शकरकंद, हरी शतावर, फ्रेंच बीन्स, बटरनट स्क्वैश और अरबी, तथा एक गोपनीय घटक दिया गया जिसके बारे में अंतिम दिन पैटी पैन में प्रकट किया गया। हर किसी को डेजर्ट्स के लिए पैनाकोटा भी बनाना था।
कोलकाता के सेलेब्रिटी जज शेफ एंडी वर्मा, जो कि लगातार तीन साल से जज बनते रहे हैं, ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "अब तरीका बदल गया है। अब आप अधिक प्रोफेशनल नतीजों के लिए अपनी सीमाएं बढ़ा रहे हैं। एक अपरिचित सब्ज़ियों का बॉक्स रखा गया था, जो उनको रचनात्मक होने के लिए प्रेरित करता था। और एक निर्धारित डेजर्ट था, जो जजों को बताता था कि वे रेसिपी फॉलो कर सकते हैं और सटीक विश्लेषण कर सकते हैं।"
कलकत्ता का स्ट्रीट फूड और मिल्क केक पसंद करने की वजह से खुद को "कलकत्ता फैन" कहने वाली मारवाड़ी लड़की वेदिका ने 5,000 पाउंड (रू. 500,000) की इनामी राशि को लेकर क्या सोचा है? अपने चीज़ पोटैटो रोएस्टी के लिए घर से लेकर रिश्तेदारों के यहां तक प्रसिद्ध वेदिका ने कहा, "लंदन के किचन देखकर मैं काफी प्रभावित हुई हूं, और अपने घर के किचन के लिए भी मैं अच्छे उपकरण खरीदने के लिए यह पैसा इस्तेमाल करना पसंद करूंगी।"
कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए यह जीत उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत बन सकती है, जो अब शेफ ही बनना चाहते हैं। शेफ दीपना ने बताया कि, "उनके जैसे लोगों के लिए यूके में ढेरों नौकरियां हैं क्योंकि लंदन में कुशल शेफों की बड़ी कमी है।" हालांकि उन्होंने आप्रवासन की समस्याओं को इस रास्ते में बड़ी रूकावट भी बताया। दीपना ने कहा, "सरकार कानून सरल बना दे, तो हम उनके जैसे शेफ ला सकेंगे। पहले मैं सभी भारतीय शेफ ही इस्तेमाल करती थी लेकिन अब नियम कड़े बन गए हैं।"
शुक्रवार, 18 सितम्बर को मुख्य अतिथि और राजनीतिज्ञ बॉब ब्लैकमैन तथा यंग शेफ इनीशिएटिव के संस्थापक डॉ. सुबोर्नो बोस, आईआईएचएम की मौजूदगी में डिनर के समय जब विजेता की घोषणा हुई, तो चकित होकर वेदिका उठ खड़ी हुई, जो अपना रोमांच छिपा नहीं पा रही थी।
फोटो खिंचवाने से पहले काले फीते वाली भूरी हैट लेने जाती रणवीर सिंह की इस प्रशंसिका ने मुस्कराकर कहा, "मुझे नहीं पता कि क्या कहना चाहिए। मैं बेहद खुश हूं। मैंने जीतने की उम्मीद नहीं की थी क्योंकि प्रतियोगिता काफी कठिन थी। मैं भारत से 6 बेस्ट में स्पर्धा कर रही थी।"
यह हैट क्यों? वेदिका ने बताया, "मुझे हैट पहनना पसंद है। मेरे घर में कई हैट हैं। मुझे लगता है कि मुझे अलग दिखना चाहिए।" उसने यह साबित कर दिखाया है।
उन्होंने जो कुछ कहाः-
डॉ. सुबोर्नो बोस, चेयरमैन, आईआईएचएम ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, "इस प्रतियोगिता का लक्ष्य अगला युवा शेफ चैम्पियन खोजने से कहीं बढ़कर था। कुकिंग एक बुनियादी जीवन कौशल है। जीवित और स्वस्थ रहने की कला जानना ज़रूरी है।"
अहमदाबाद के महाराजा अग्रसेन विद्यालय की वेदिका करीवाला, यंग शेफ इंडिया स्कूल्स 2015 की विजेता ने कहा कि, "इस प्रतिस्पर्धा ने हमारे जीवन को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है। पश्चिमी जोन का प्रतिनिधित्व करना बहुत रोमांचक रहा। बहुत कम लोगों को यह मौका मिला है। यहां की यादें मेरे लिए अनमोल हैं। मेरे नए मार्गदर्शक, मेरी सीखी नई बातें, बड़े-बड़े शेफों से मुलाकात, शेफ हेस्टन ब्लूमेंथल के हस्ताक्षर वाली किताब, हमारे द्वारा बनाया गया जीत का चिन्ह, हमारा गाया गाना, समूह की एकजुटता, हंसी-मजाक, भावुकता और जाने कितनी ही बातें हमेशा मेरे मन में रहेंगी। एक खास बंधन बन गया है जो हमेशा रहेगा।"
प्रियंका नाथ - ग्लेंडेल एकैडेमी, हैदराबाद ने इस संबंध में कहा कि, "ऐसे सभी महत्त्वाकांक्षी शेफों के लिए YC15 बेहतरीन प्लेटफॉर्म और मौका रहा है, जो खानपान की दुनिया में सचमुच कुछ बड़ा करना चाहते हैं। ऐसे भव्य प्लेटफॉर्म पर अपने स्कूल, क्षेत्र और देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बड़ी खुशी और गर्व की बात रही। इसे संभव बनाने में मदद करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद।"
तनय - दिल्ली पब्लिक स्कूल, बंगलौर ने कहा कि, "इस प्रतियोगिता ने हम नए शेफों को महान शेफों के सामने अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर अपनी कुशलता दिखाने का मौका दिया। इससे हमें अपने पसंदीदा कैरियर की दिशा में आगे बढ़ने के लिए ज़रूरी प्रोत्साहन मिला है। लंदन जाना किसी सपने के साकार होने जैसा था। यह बहुत खूबसूरत शहर है और वहां मुझे बहुत मज़ा आया।"
सार्थक कालरा - रूक्मणी बिरला मार्डन स्कूल, जयपुर ने कहा कि, "यंग शेफ इंडिया स्कूल्स 2015 मेरी ज़िंदगी का निर्णायक मोड़ रहा। अब मेरे सफल कैरियर के बारे में मेरी सोच एकदम साफ बन चुकी है। जीत-हार हमारे जीवन के दो पहलू हैं और हां, मैंने जीत हासिल की!! मैंने उन छह दूसरे प्रतियोगियों, मेरे प्रतिष्ठित जजों, विश्वस्तर के शेफों और बेहतरीन आयोजकों के दिल जीते लंदन में बनाए मेरे दोस्त ही मेरी खास उपलब्धियां हैं।"
स्तुति- सलवान पब्लिक स्कूल, गुड़गांव ने कहा कि, "ऐसी प्रतियोगिता में हिस्सेदारी एक जबरदस्त अनुभव रहा। कॉमर्शियल रेंज पर काम करना सदैव मेरा सपना रहा, और वहां का अनुभव यादगार रहा है। मैं कहना चाहूंगी कि यह मेरे जीवन का ऐसा अवसर रहा जिसमें मैंने अपने सपने पूरे करने व प्रतिभा दिखाने के लिए 100% प्रयास किया। मुझे सदैव याद रहेगा कि किस तरह हम सातों लोग परस्पर एक बंधन में बंध गए थे।"
तेजस सिंहानिया- हेरिटेज स्कूल, कोलकाता ने कहा कि, "यंग शेफ ने मुझे काफी लोकप्रियता दिलाई। जीत न पाने का मुझे कोई मलाल नहीं है क्योंकि जैसा कि स्तुति की मम्मी ने ठीक ही कहा कि यदि मैं जीतता तो मेरी सोच केवल आईआईएचएम यंग शेफ 15 की जीत तक ही सीमित रहती। हालांकि अब मेरी सोच व्यापक है और जीवन में हर स्तर पर बेहतर से बेहतर करने की उम्मीद बनी हुई है।"
रोशनी अयूब, एसएम चौकसे हाई स्कूल, पुणे ने कहा कि, "लंदन कुल मिलाकर एक खास अनुभव रहा। वहां की यादें जीवन भर साथ रहेंगी। यंग शेफ हमारी उम्र के विद्यार्थियों और उन सबके लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म है जो खान-पान के क्षेत्र में रूचि रखते हैं, उनको इस महान आयोजन में हिस्सेदारी की आकांक्षा रखनी चाहिए। लंदन हमेशा यादों में रहेगा।"
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेन्ट (आईआईएचएम) के विषय में
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेन्ट (आईआईएचएम) एशिया में होटल स्कूलों की एक सबसे बड़ी श्रृंखला है। दक्षिण पूर्व एशिया में इसके 11 कॉलेज हैं, कोलकाता और गोवा में दो चार सितारा बिज़नेस होटल संचालित हैं, और दो अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कंपनियां हैं जिनके कार्यालय यूके और थाईलैण्ड में स्थित हैं।
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