मुम्बई, June 9, 2015 /PRNewswire/ --
स्टेम लर्निंग, जो कि भारत में स्कूलों में मिनी साइंस सेंटर प्रस्तुत और स्थापित करने की दिशा में अग्रणी कंपनी है, को स्कूल स्तर पर बच्चों में विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, और गणित के प्रति रूचि प्रेरित करने के लिए स्थापित किया गया था। ये इंटरएक्टिव वर्किंग मॉडल, छात्रों को किताबों से सीखी मूल अवधारणाएं समझने और सत्यापित करने में मदद करते हैं, जिससे उनका अध्ययन अधिक व्यावहारिक बन जाता है।
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मिनी साइंस सेंटर (Mini Science Centre ) में गणित और विज्ञान के 60 टेबल-टॉप वर्किंग मॉडल/सूचनाप्रद पृष्ठभूमियों के साथ प्रदर्शित होते हैं, जिसके साथ उपयोक्ता निर्देशिका, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्टेम लर्निंग की ओर से 2 साल का मूल्यांकन और मेन्टेनेन्स की सुविधाएं भी दी जाती हैं।
इस संबंध में आशुतोष पंडित, मैनेजिंग डॉयरेक्टर, स्टेम लर्निंग ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, ' मिनी साइंस सेंटर मॉडलों को सीबीएसई, आईसीएसई, और एसएससी बोर्डों के पाठ्यक्रम के अनुसार बनाया गया है जिन्हें भारत में जाने-माने वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने डिजाइन किया है। पिछले केवल 3 वर्षों में ही भारत में 350,000 से अधिक छात्रों को हमारे साइंस सेंटरों से लाभ मिला है।'
प्रभादेवी बीएमसी स्कूल, मुम्बई के एक छात्र ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, 'अब हमारे स्कूल में भी मिनी साइंस सेंटर है। हम विज्ञान के नियमों को केवल किताबों से ही पढ़ा करते थे, लेकिन अब हम उनको प्रायोगिक रूप से देख सकते हैं। अब हम अधिक बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं। इससे हमें अगली कक्षाओं में मदद मिलेगी।'
अभी तक STEM Learning ने भारत के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 40 से अधिक मेगा साइंस सेंटर और 250+ मिनी साइंस सेंटर स्थापित किए हैं।
अंकलेश्वर, गुजरात के विज्ञान के एक अध्यापक ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि, 'पहले केवल सिद्धांतों को पढ़ाने से बच्चे वास्तव में प्रयोगों को सही से समझ नहीं पाते थे। लेकिन इस प्रायोगिक तरीके के बाद, अब वे चीजों को ज्यादा जल्दी और ज्यादा बेहतर तरीके से समझ जाते हैं।'
स्टेम लर्निंग एक ISO 9000-2008 प्रमाणित कंपनी है और यह महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड एमएससीईआरटी द्वारा प्रमाणित है।
विनोद शेखर, अध्यक्ष, बीएमसी शिक्षा समिति ने इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, ' यह पहल, छात्रों में वैज्ञानिक नजरिया विकसित करने के लिए सर्वोत्तम है। और अंत में लोग वह भूल जाते हैं, जो उन्होंने सुना होता है, वह थोड़ा-बहुत याद रखते हैं जो उन्होंने देखा होता है, लेकिन जब व्यक्ति प्रयोग करके सीखता है तो यह उसके मन-मस्तिष्क में अंकित हो जाता है और उसे हमेशा याद रहता है। जब सिद्धांतों को प्रायोगिक शिक्षण से जोड़ दिया जाता है तो व्यक्ति सीखी गई बातें कभी भूल नहीं पाता। इसके अलावा, यह सचल उपकरण है जिसे कक्षाओं में ले जाया जा सकता है और इस तरह से अधिकाधिक छात्रों तक इसे पहुंचाया जा सकता है।'
शिक्षा को बढ़ावा देने के इस नए तरीके ने कंपनियों के लिए भी नई संभावनाए प्रशस्त कर दी हैं। वे सरकारी स्कूलों, आश्रम स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों तथा स्थानीय स्वशासी ग्रामीण स्कूलों में CSR initiative के तहत ऐसे मिनी साइंस सेंटरों को प्रायोजित कर सकती हैं।
वर्तमान में स्टेम लर्निंग, ल्युपिन फार्मा, जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन, बैंक ऑफ बड़ौदा, एलएंडटी इन्फोटेक, अल्ट्राटेक सीमेन्ट, मझगांव डॉक लिमिटेड व अन्य कई कंपनियों से साझेदारी के तहत मिनी साइंस सेंटर स्थापित कर रहे हैं।
आशुतोष ने आगे बताया कि, 'हमारे अद्वितीय उत्पाद के माध्यम से भारत के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में 1 मिलियन छात्रों तक पहुंचना हमारा मिशन है। हमने शिक्षा में समानता का शीर्षस्तर पर समर्थन करते हुए, समाज के पिछड़े बच्चों के कल्याण की सोच में विश्वास किया है।'
भविष्य के वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के विज़न से प्रेरित स्टेम लर्निंग, सभी के लिए गुणवत्तापरक स्टेम शिक्षा उपलब्ध कराने के अभियान पर तेजी से अग्रसर है।
हमारे साथ साझेदारी करने के लिए, www.stemlearning.in देखें।
मीडिया संपर्क
आशुतोष पंडित
[email protected]
+91-9987611400
मैनेजिंग डायरेक्टर
स्टेम लर्निंग प्रा. लि.
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