Drishti IAS ने आगामी UPSC प्रीलिम्स के लिए तैयारी करने के बारे में सुझाव प्रस्तुत किए
नई दिल्ली, March 11, 2019 /PRNewswire/ --
सदैव स्वस्थ प्रतियोगिता में विश्वास: प्रतियोगिता उत्तीर्ण करने के बजाय अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने पर ध्यान केंद्रित करें
प्रीलिम्स 2019 नजदीक आ रहा है। अब तक अधिकांश अभ्यर्थी तैयारी शुरू कर चुके हैं- किताबें और अखबार पढ़ना, नोट्स बनाना, कक्षाओं में जाना, मॉक टेस्ट में भाग लेना, और सबसे महत्त्वपूर्ण कदम-खुद को मनोवैज्ञानिक रूप से इस परीक्षा के लिए तैयार करना। Drishti IAS जो कि 1999 से भारत में UPSC का एक सबसे अग्रणी कोचिंग संस्थान बना हुआ है, हज़ारों अभ्यर्थियों की मदद करने के लिए अपने वर्षों के अनुभव के आधार पर कुछ बेहतरीन सुझाव प्रस्तुत कर रहा है।
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चाहे आप बेगिनर (नए अभ्यर्थी) हों, या तीसरी बार प्रयास कर रहे हों, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हमेशा ही सबसे पहले देखने वाली चीज़ होते हैं। प्रश्नों के पैटर्न से परिचित होना इसका लक्ष्य है - कि UPSC अभ्यर्थियों से किस प्रकार के ज्ञान की अपेक्षा करता है, और इस परीक्षा के लिए कौन सी जानकारी प्रासंगिक है। कभी भी किसी पठनीय सामग्री से तैयारी करते समय यह नज़रिया, अभ्यर्थियों की मदद करता है और इससे अधिक महत्त्वपूर्ण बात ये है कि इससे उनको इस बारे में संदेहों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है कि किसी विषय विशेष से UPSC में क्या पूछा जा सकता है और क्या नहीं।
पिछले वर्षों के प्रश्नों के पैटर्न से भलीभांति परिचित हो जाने पर अभ्यर्थी, NCERT की पुस्तकें कवर करने या रिवाइज करने की दिशा में बढ़ सकता है। अगर इन किताबों को पूरी तरह पढ़ने के लिए समय न हो, तो अभ्यर्थी NCERT की किताबों पर आधारित Multiple Choice Questions (MCQs) हल कर सकता है और इन प्रश्नों के हलों से अपने नोट्स बना सकता है।
दैनिक अखबार, तीसरी चीज़ है, जो अभ्यर्थी को अवश्य देखनी चाहिए। रोज़ाना अखबार पढ़ना बहुत महत्त्वपूर्ण है, - इससे समसामयिक मामलों तथा सामान्य ज्ञान में मदद मिलने के साथ किसी प्रकरण विशेष के विविध पहलुओं की गहरी जानकारी मिलती है, और अधिक महत्त्वपूर्ण बात ये है कि रोज़ाना अखबार पढ़ने से पढ़ने की आदत बनती है, जो बरकरार रहती है।
प्रीलिम्स की तैयारी करते समय आप ये तीन फार्मूले अपना सकते हैं:
- जितना ज्यादा संभव हो, कवर करें - जो कवर किया है, उसे नियमित रूप से रिवाइज करें
- याद करने, और समझ बढ़ाने दोनों का उचित संतुलन बनाए रखें - दोनों ही आवश्यक हैं
- कवर की गई सामग्री की मात्रा के बजाय, कवरेज की गुणवत्ता ज्यादा महत्त्वपूर्ण है
यहां अक्सर एक यह प्रश्न उठता है कि क्या मार्च का महीना शुरू हो जाने के बाद भी वैकल्पिक विषय की तैयारी जारी रखनी चाहिए कि नहीं। इस बारे में दो नज़रिए हैं। बेगिनर्स, या पहली बार प्रयास करने वालों के लिए, प्रीलिम्स क्लीयर करना सर्वोपरि लक्ष्य होना चाहिए। प्रीलिम्स क्लीयर करने से नए अभ्यर्थी को सिविल सेवा के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए नई ऊर्जा मिलती है। इसलिए, अगर वैकल्पिक विषय की तैयारी, प्रीलिम्स की तैयारी में रूकावट डाल रही हो, तो बेगिनर्स को निश्चित रूप से उसकी तैयारी तत्काल रोक देनी चाहिए। हालांकि जो लोग पिछले प्रयासों में प्रीलिम्स क्लीयर कर चुके हैं, और मेन्स परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहते हैं, उनके लिए सलाह है कि वे वैकल्पिक विषय की तैयारी ज़ारी रखें, लेकिन अपनी तैयारी के कुल समय का केवल 10 से 20 प्रतिशत हिस्सा ही इसमें दें (या कम से कम एक उत्तर रोज़ाना लिखें)। ऐसे अभ्यर्थियों के लिए, प्रीलिम्स हेतु केवल अप्रैल और मई का समय लगाना ही काफी होगा।
मॉक टेस्ट सीरीज़ में भाग लेना, एक अन्य सलाह है। इससे तीन प्रकार से मदद मिलती है - पहले, यह ऐसे लोगों में पंक्चुएलिटी या रूटीन अपनाने की आदत डालती है, जिनको इसकी ज़रूरत है; दूसरे, यदि मॉक टेस्ट कक्षाओं में कराए जाते हैं, तो इससे वास्तविक परीक्षा जैसा माहौल बनाने में मदद मिलती है; और अंतिम बात ये कि सही से तैयार किए गए मॉक टेस्ट पेपर उन विषयों को बहुत बारीकी से समेटते हैं, जो कुछ प्रीलिम्स में पूछा जा सकता है और इसलिए उन पर प्रयास करने से वास्तव में परीक्षा के दिन सही उत्तर देने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
निष्कर्ष रूप में, Drishti तीन बहुत महत्त्वपूर्ण बिंदुओं की ओर ध्यान दिलाना चाहता है। पहला तो ये कि स्क्रीन टाइम में कटौती करें, फोन, टीवी, कम्प्यूटरों आदि का इस्तेमाल जहां तक संभव हो, केवल परीक्षा की तैयारी के लिए ही करें। अगली बात ये कि एक कार्य पर ही ध्यान केंद्रित करना सीखें-एक समय में पूरी एकाग्रता से एक काम करना ही इस परीक्षा के लिए सबसे बेहतर है। आखिरी प्वाइंट शायद सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है - UPSC की तैयारी करने की प्रक्रिया का आनंद लेना सीखें। यह जानी-मानी बात है, कि अगर किसी को कोई काम करने में आनंद आता है, तो उसकी सफलता की संभावनाएं कई गुने बढ़ जाती हैं, और UPSC सिविल सेवा की तैयारी की प्रक्रिया का आनंद लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए सफलता की संभावना बहुत अधिक रहती है।
Drishti के बारे में:
Drishti - The Vision Foundation (VDK Eduventures Pvt. Ltd. की एक इकाई) को IAS अभ्यर्थियों के लिए कक्षा प्रशिक्षण में विशेषज्ञता प्राप्त है। हिन्दी मााध्यम के अभ्यर्थियों के लिए यह एक सबसे पसंदीदा संस्थान है। Drishti Publications (VDK Publications Pvt. Ltd. की एक इकाई) प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समसामयिक मामलों की मासिक पत्रिकाओं सहित विविध प्रकार की पुस्तकें प्रकाशित करती है। Drishti का YouTube चैनल एक सबसे ज्यादा देखा जाने वाला शैक्षिक चैनल है, जो हिन्दी माध्यम के छात्रों को अच्छी गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध कराता है। दुनिया भर में इस चैनल को 6 लाख से अधिक लोगों ने सबस्क्राइब किया हुआ है। Drishti वर्तमान में विविध राज्य स्तरीय सिविल सेवा परीक्षाओं जैसे कि UPPCS, RPCS, MPPCS, UKPCS इत्यादि तक भी पहुंच रहा है।
Drishti IAS की वेबसाइट - http://www.drishtiias.com
YouTube का लिंक - https://www.youtube.com/channel/UCzLqOSZPtUKrmSEnlH4LAvw
मीडिया संपर्क:
Ajay Kiran Karakoti
[email protected]
+91-8130392355
COO
Drishti IAS
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