बेंगलुरु, भारत, 3 अप्रैल 2024 /PRNewswire/ -- दिव्यदर्शी आध्यात्मिक मार्गदर्शक और मानवतावादी गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के सान्निध्य में आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान कौशल-विकास के क्षेत्र में जीवनोत्थान के विविध स्वरूपों का अनावरण करता है। यह मिशन न केवल व्यक्तियों व युवाओं को प्रेरित करने के लिए समर्पित है, बल्कि उन्हें स्थायी और गरिमापूर्ण आजीविका की ओर उत्प्रेरित भी करता है। केन्द्र व राज्य सरकारों की एजेन्सियों से लेकर कॉर्पोरेट भागीदारों, शैक्षणिक संस्थानों और समुदाय आधारित संगठनों तक विभिन्न हितधारकों के साथ सहकार्य करते हुए, आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान कौशल विकास और उद्यमिता पहल में अग्रणी है। इसके माध्यम से, यह युवाओं को सशक्त बनाकर एक प्रगतिशील राष्ट्र की आधारशिला रखता है।
कौशल प्रशिक्षण का दायरा महत्वाकांक्षी है
- उद्योग-विशिष्ट कौशलों के साथ नियोज्य युवा कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्राथमिक लक्ष्य - युवा मनों को विभिन्न उद्योगों की मांगों के अनुरूप कार्य-विशिष्ट कौशलों में पारंगत बनाना है। उद्योग-संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करके, यह कार्यक्रम सुनिश्चित करता है कि प्रतिभागीजन पेशेवर परिदृश्य की गतिशील आवश्यकताओं को पूरा करते हुए, कार्यबल में सुगमता से एकीकृत होने के लिए भलीभांति तैयार हों।
- कार्यबल के लिए पुनर्सशक्तिकरण - सावधानीपूर्वक नियोजित कौशल विकास के माध्यम से, आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान एक सुदृढ़ व सक्षम कार्यबल बनाने में सहायता करता है। प्रतिभाओं को पोषित कर और जनक्षमताओं को निखार कर, यह पहल एक ऐसी पीढ़ी के सृजन में योगदान देती है जो उद्योग की सूझ-बूझ और व्यावहारिक कौशल की सूक्ष्मता, दोनों से लैस होती है। इसके प्रतिफल में औद्योगिक क्षेत्र के भीतर विकास, नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा मिलता है।
- अर्ध-कुशल और अर्ध-साक्षर वर्गों हेतु स्वरोजगार के अवसर - आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान की परिकल्पना का एक प्रमुख पहलू स्व-रोजगार के लिए अवसर प्रदान करना है, जिसमें विशेष रूप से समाज के अर्ध-कुशल व अर्ध-साक्षर वर्गों को लक्षित किया जाता है। यह पहल इस प्रकार के अलक्षित जनों को आवश्यक कौशल व उद्यमिता प्रशिक्षण प्रदान करके लघु उद्यमों का मार्ग प्रशस्त करती है, जो इन वर्गों के मध्य आर्थिक स्वतंत्रता व लचीलेपन को द्योतित करते हैं।
- बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान - कौशल विकास केन्द्रों तथा प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना करके, यह पहल समुदाय के विकास का एक अभिन्न अंग बन जाती है। स्कूली कक्षाओं से परे, इसका प्रभाव समुदायों में प्रतिध्वनित होता है। लोगों को न केवल रोजगार मिलता है; बल्कि वे परिवर्तन के शिल्पी भी बन जाते हैं। अधोसंरचना विकसित होती है, और इलाके एक नव ऊर्जा के साथ जीवंत हो उठते हैं।
प्रभावशाली संकाय विकास पहल
कौशल विकास के माध्यम से आत्म-स्वायत्तता की खोज सभी प्रयासों की आधारशिला रही है। आर्ट ऑफ लिविंग संस्थान की कौशल विकास परियोजनाओं द्वारा आरंभ व पूरी की गई विभिन्न उल्लेखनीय परियोजनाएं नीचे दी गई हैं:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु संकाय विकास कार्यक्रम
आंध्र प्रदेश कॉलेजिएट शिक्षा आयुक्तालय तथा तकनीकी शिक्षा आयुक्तालय के सहयोग से आर्ट ऑफ लिविंग ने दिसंबर-2021 से दिसंबर-2022 के दौरान संकाय विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया। इसका उद्देश्य शासकीय पॉलिटेक्निक तथा डिग्री कॉलेजों के प्रधानाचार्यों व संकाय-सदस्यों को कौशल विकास पाठ्यक्रमों से परिचित कराना और अतिरिक्त कौशल-शिक्षण प्रदान करना था। विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत सत्रों में कुल 3,279 संकाय-सदस्यों ने भाग लिया, जिससे कौशल विकास, भर्ती-प्रवृत्तियों और उद्योग-संपर्क की अभिवृद्धि में सहायता प्राप्त हुई।
AICTE, NSDC, IIM और IIT जैसे सुप्रतिष्ठित संस्थानों के विषय-विशेषज्ञों द्वारा कॉलेजिएट शिक्षा के लिए प्रासंगिक विषयों; प्रशिक्षण मैनुअल की तैयारी तथा NEP 2020 पर सत्र-प्रस्तुतियां दी गईं।
लाभार्थी: आंध्र प्रदेश शासन के 3,279 संकाय-सदस्य।
आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा कौशल विकास का एक विहंगम परिप्रेक्ष्य
भारत के 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 500 से अधिक जिलों में 4,20,000 से भी अधिक युवाओं को आजीविका कौशल में प्रशिक्षित किया गया है। पूरे देश में 50 से भी अधिक विभिन्न रोजगार भूमिकाओं में प्रशिक्षण प्रदान करने वाले 95 कौशल विकास केन्द्रों का एक नेटवर्क संचालित है। भारत में 3,10,000 से भी अधिक ग्रामीणजन विभिन्न कार्यक्रमों से लाभान्वित हुए हैं। इसके अतिरिक्त, संपूर्ण भारत के 28 बंदीगृहों में 3,294 कैदियों को प्रशिक्षित किया गया है। वैश्विक स्तर पर, 'जेल कार्यक्रम' बहुत प्रभावी रहे हैं, 65 देशों में 8,00,000 से भी अधिक कैदियों का जीवन-परिवर्तन किया जा रहा है। ये विविध प्रशिक्षण कार्यक्रम; ग्रामीण व शहरी युवाओं के लिए रोजगार के आशाजनक अवसर प्रदान करते हैं, जो व्यापक कौशल विकास और सशक्तिकरण में सहायक होते हैं। सार में, आर्ट ऑफ लिविंग के कौशल विकास केन्द्र कोई साधारण पहलें नहीं हैं। यह परियोजना पारंपरिक कौशल विकास से परे जाकर, समुदायों में जीवन-श्वास का संचरण करती है और एक गरिमापूर्ण व गतिशील भविष्य की नींव रखती है। यह बहुआयामी दृष्टिकोण एक टिकाऊ व समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की प्रतिबद्धता दर्शाता है जो व्यक्तियों व समाज को लाभान्वित करता है।
आर्ट ऑफ लिविंग की सामाजिक परियोजनाओं के बारे में
आर्ट ऑफ लिविंग के अभिनव कार्यक्रमों और समकालीन तकनीकों का अनूठा मिश्रण आमजनों को सशक्त बनाने के प्रति समर्पित है। यह संगठन आज की सांसारिक जटिलताओं पर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए आमजनों को आवश्यक जीवन-कौशल, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और लचीलापन प्रदान करते हुए व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक विकास को पोषित करता है।
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